Pegasus NSO Israel News: एनएसओ स्पाईवेयर ग्रुप (NSO group spyware) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, सुरक्षा विशेषज्ञों ने सोमवार को बताया कि इजरायल की बदनाम जासूसी कंपनी एनएसओ ग्रुप ने 6 फ़िलिस्तीनी मानवाधिकारी कार्यकर्ताओं के फोन हैक कर लिए. वहीं इस बारे में ये भी सामने आया है कि इजरायल के रक्षामंत्री इन लोगों पर ये आरोप लगा रहे थे कि ये लोग आतंकी घटनाओं में सम्मिलित थे. पेगासस स्पाईवेयर को इजरायल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया था, जिसे लेकर भारत में भी खूब बवाल हुआ था. कुछ रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से चर्चित हस्तियों के फोन की जासूसी की गई थी.
कुल मिलाकर फ़िलिस्तीनी मानवाधिकार के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को पहली बार पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से निशाना बनाया गया है. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि एनएसओ स्पाईवेयर इन कार्यकर्ताओं के फोन में में किसने रखा. इस बात का खुलासा मोहम्मद अल मस्काती (Mohammed al-Maskati ) नाम के नॉन प्रॉफिट फ्रंटलाइन डिफेंडर ने किया है.
दरअसल, मध्य अक्टूबर में हुई दो घुसपैठ की घटनाओं के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ो (Israeli Defense Minister Benny Gantz) ने 6 फि़लिस्तनी सिविल सोसइटी के इन लोगों को आतंकी संगठन के रूप में घोषित कर दिया था.
वहीं आयरलैंड में मौजूद फ्रंटलाइन डिफेंडर्स और दो अन्य पीडि़तों ने कहा कि उन्हें लगता है कि इजरायल ही इसके पीछे है. 3 फिलिस्तनी सामाजिक कार्यकर्ता जिनका फोन हैक हुआ था, वे सिविल सोसाइटी ग्रुप के लिए काम कर रहे हैं, वहीं अन्य तीन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पहचान जाहिर नहीं की है.
व्हाट्सऐप जासूसी मामलाः भारत में इन लोगों को बनाया गया निशाना
एनएओ ग्रुप और इजरायल ने क्या कहा ?
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद एनएसओ ग्रुप ने कहा वह अपने कस्टमर के बारे में कांट्रैक्ट के कारण नहीं बता सकते हैं. वही इसका एक कारण राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है. एनएसओ ग्रुप ने ये भी कहा ये सरकार के हाथ में है कि वह इसका अपराध और आतंकवाद के खिलाफ कैसे उपयोग करता है.
वहीं इजरायल ने इस मामले में कहा कि इस ग्रुप के लोग पॉपुलर फ्रंट बनाकर फिलिस्तीन की आजादी के लिए काम कर रहे थे. राजनैतिक रूप में ये धड़ा लेफ्टिस्ट विचारों का है. जिसने कई इजरायलियों की हत्या की है. इजरायज और पश्चिमी की दूसरी सरकार ने इनकी पहचान PELP आतंकी ग्रुप के तौर पर की है. इस मामले में अबौदी नाम का शख्स भी कुछ सालों पहले हिरासत में लिया गया था, हालांकि उसने इस ग्रुप का सदस्य होने से मना कर दिया था.
पहली बार फिलिस्तनियों को बनाया गया निशाना
इससे पहले पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजतैतिक विरोधियों के लिए पेगासस का उपयोग मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब के बीच 2015 से हुआ था. वहीं एनएसओ ग्रुप के लेकर जो फोरेंसिंक जांच सामने आई है, इसमें एमनेस्टी इंटरनेशनल और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के सुरक्षा विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में स्पाइवेयर और डिजिटल सर्विलांस इंडस्ट्री को लेकर लताड़ लगाई है. इससे पहले पिछले सप्ताह जो बाइडेन ने भी एनएसओ ग्रुप और इस इजरायली कंपनी के प्रतिद्वंदी Candiru को बैन कर दिया था.
क्या कर सकता है पेगासस
पेगासस के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के फोन के स्टोरेज में सेव डाटा को हैक कर सकते हैं. वहीं रियल टाइम कम्युनिकेशन पर भी नजर रखी जा सकती है.