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आज से ठीक 20 साल पहले यानी 11 सितंबर 2001 को आतंकवादियों ने दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका पर एक ऐसा हमला किया था, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. उस मंजर को देखने वाले कभी भूल नहीं सकते. आतंकियों ने हवाई जहाज को मिसाइल के रूप में इस्तेमाल किया था. इस हमले में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे.
11 सितम्बर 2001 को अमेरिका पर आतंकी संगठन अल-कायदा ने जो हमला किया था, वो आत्मघाती हमलों की सीरीज थी. उस दिन 19 अल-कायदा आतंकवादियों ने चार यात्री विमानों का अपहरण किया था. आतंकियों ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा दिया, जिससे विमानों में सवार सभी लोग और भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य अनेक लोग भी मारे गए थे. दोनों बड़ी इमारतें 2 घंटे के अंदर ढह गई थीं. एक विमान पेंटागन से टकराया था और एक खाली जगह क्रैश हो गया था.
इन हमलों में सभी 19 आतंकी और लगभग 3,000 मासूम लोग मारे गए थे. ये हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में लगी आग को बुझाने में लगभग 100 दिन का समय लगा था. इस हमले में ट्विन टावर में 90 से ज्यादा देशों के नागरिक मारे गए थे.
फिर शुरू हुआ सबसे लंबा युद्ध
इन हमलों के बाद अमेरीका ने अल-कायदा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और फिर अफगानिस्तान में अमेरीकी सैन्य कार्रवाई का एक लंबा दौर शुरू हो गया. इन हमलों के चंद महीनों बाद ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को खत्म कर दिया. करीब 10 सालों की खोजबीन के बाद अमेरिका ने अलकायदा के नेता ओसामा बिन लादेन को 2 मई 2011 को मार डाला.
फिर शुरू हुई अमेरिका की वापसी
अफगानिस्तान में 19 साल, 10 महीने और 25 दिन गुजारने के बाद अमेरिका ने 31 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान छोड़ दिया. अब वहां फिर से तालिबान का राज शुरू हो गया है. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर कई विशेषज्ञ चिंता जाहिर कर चुके हैं. यूके की जासूसी एजेंसी MI5 के डायरेक्टर जनरल कैन मेकलम ने कहा है कि तालिबान के आने के बाद पश्चिमी देशों में अल-कायदा स्टाइल आतंकी हमले यानी 9/11 जैसे हमले बढ़ सकते हैं.