पाकिस्तान से करीब 130 हिंदुओं का समूह महीने भर की तीर्थयात्रा के लिए शनिवार को वाघा सीमा पार कर भारत जाएगा. गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद आव्रजन अधिकारियों ने शुक्रवार को 250 हिंदुओं को सीमा पार करने की अनुमति दी.
करीब 115 हिंदू शुक्रवार को ही सीमा पार कर चले गए. वैध यात्रा दस्तावेज होने के बावजूद हिंदुओं को आव्रजन अधिकारियों ने शुक्रवार को सात घंटे तक रोके रखा.
इलेक्ट्रानिक मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि वे भारत में प्रवास करने के इरादे से जा रहे हैं जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया था. ये हिंदू सिंध और बलूचिस्तान प्रांत के हैं, जहां अल्पसंख्यक समुदाय, फिरौती, फिरौती के लिए अपहरण और जबरिया धर्म परिवर्तन का शिकार बन रहे हैं.
इवैक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के उप निदेशक फराज अब्बास ने कहा, ‘शुक्रवार को करीब 115 हिंदू भारत के लिए रवाना हो गए और शेष शनिवार को जाएंगे क्योंकि उनकी यात्रा पर कोई पाबंदी नहीं है.’
ईटीपीबी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के पवित्र स्थलों के रखरखाव की जिम्मेदारी संभालता है.
इस तरह की खबरें आईं कि सिंध और बलूचितस्तान के करीब 250 हिंदू भारत में तीर्थयात्रा के बहाने वहां प्रवास करने के उद्देश्य से जा रहे हैं, जिसके बाद गृह मंत्री रहमान मलिक ने दावा किया कि इस षड्यंत्र का उद्देश्य पाकिस्तान को बदनाम करना है.
मलिक ने कहा कि समुदाय के प्रतिनिधियों ने सरकार को जब आश्वस्त किया कि तीर्थयात्रा के बाद वे वापस लौट आएंगे तब हिंदुओं को सीमा पार करने की अनुमति दी गई.