सीरिया में सरकारी बलों ने अलेपो शहर पर विमानों तथा टैंकों से हमले किए और दमिश्क तथा दक्षिणी हिस्सों में भी कई जगह गोलाबारी की जिससे ईद के दिन कम से कम 100 लोग मारे गए.
ईद उल फितर के मौके पर तीन दिन की छुट्टियां शुरू होने के साथ रविवार को एक दिन की शांति के बाद अचानक फिर से हिंसा भड़क उठी.
इस लड़ाई से साफ हो गया है कि राष्ट्रपति बशर अल असद का शासन ईद जैसे मौके पर भी 17 महीने से चले आ रहे विद्रोह को कुचलने के लिए अपने अभियान को नहीं रोक रहा.
वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि यदि सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के दौरान रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है तो अमेरिका को वहां सैन्य हस्तक्षेप करने को लेकर अपनी सोच बदलनी पड़ सकती है.
उल्लेखनीय है कि अब तक अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप की संभावना से इनकार करता आया है.
सीरिया में रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल होने की आशंका के मद्देनजर ओबामा ने कहा, ‘यह सिर्फ सीरिया का मामला नहीं है. इससे क्षेत्र में इजरायल सहित अमेरिका के सहयोगी देशों की चिंता बढ़ेगी और यह हमें भी चिंतित करेगा.' ओबामा ने असद शासन और लड़ाई में शामिल अन्य पक्षों को आगाह किया कि इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल अमेरिका के लिए ‘खतरा’ होगा.
पिछले महीने सीरिया शासन ने पहली बार पुष्टि की थी कि उसके पास रासायनिक हथियार हैं और चेतावनी दी थी कि विदेशी हमला होने की स्थिति में वह इनका इस्तेमाल कर सकता है.
इस चेतावनी को असद की हताशा के संकेत के रूप में देखा गया क्योंकि सत्ता पर उनकी पकड़ कुछ ढीली होती दिखाई दे रही है. यह चेतावनी विद्रोहियों द्वारा राष्ट्रपति के चार शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को मौत के घाट उतार देने के थोड़ी देर बाद आई.
चार शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों का मारा जाना शासन को अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है.