बांग्लादेश ने शुक्रवार को पाकिस्तान से साल 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान उसके सैनिकों द्वारा किए गए नरसंहार के लिए माफी मांगने को कहा, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि यह अतीत को भूलकर आगे बढ़ने का वक्त है.
अपने पाकिस्तान समकक्ष हिना रब्बानी खार से भेंट के दौरान बांग्लादेश की विदेश मंत्री दीपू मोनी ने कहा, ‘बांग्लादेश आशा करता है कि पाकिस्तान 1971 के दौरान उसके सैनिकों द्वारा किए गए नरसंहार को लेकर माफी मांगेगा.’
बांग्लादेश के विदेश सचिव मिजारूल कयास के अनुसार मोनी ने पाकिस्तान के साथ लंबित अन्य मुद्दों के हल की आवश्यकता पर भी बल दिया. विदेश सचिव के अनुसार, जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि 1974 से पाकिस्तान विभिन्न समयों पर और विभिन्न तरीकों से 1971 की घटनाओं के लिए अफसोस जताता रहा है.
कयास ने कहा, ‘उन्होंने (खार ने) कहा कि यह अतीत को भुलाकर आगे बढ़ने का वक्त है.’ कयास का बयान ऐसे समय में आया है जब मोनी ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान को निश्चित रूप से व्यापक नरसंहार के लिए माफी मांगनी चाहिए.
खार आवामी लीग के तीन साल पहले सत्ता संभालने के बाद बांग्लादेश की यात्रा पर आने वाली पहली पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं. वह 22 नवंबर को इस्लामाबाद में होने वाले विकासशील-आठ सम्मेलन के लिए बांग्ला प्रधानमंत्री शेख हसीना को न्यौता देने पांच घंटे की यात्रा पर यहां आई हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री बाद में हसीना से उनके गणभवन सरकारी निवास में मिलीं और उन्होंने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की तरफ से आमंत्रण पत्र सौंपा. उनके यहां से विदा होने से पहले मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया से भी मिलने की संभावना है.
बांग्लादेश 1971 से पहले तक पाकिस्तानी का पूर्वी हिस्सा था. बांग्लादेश पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ नौ महीने के संघर्ष के बाद आजाद हुआ था. मौजूदा सरकार पाकिस्तान से मुक्ति संग्राम के दौरान उसके सैनिकों द्वारा किए गए अत्याचार को लेकर आधिकारिक माफी मांगने की मांग करती रही है.