इस्लाम विरोधी अमेरिकी फिल्म को लेकर मुस्लिम देशों में चल रहे अमेरिका विरोधी प्रदर्शनों को लेकर सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के संदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ‘अनगढ़ और घृणित’ वीडियो उनके देश पर हमले का बहाना नहीं हो सकता.
ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही. छह नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले यह उनका अंतिम अंतराष्ट्रीय संबोधन था.
उन्होंने कहा, ‘बेनगाजी में हमारे में नागरिकों पर हमला अमेरिका पर हमला था. इसमें संदेह नहीं होना चाहिए कि हम हत्याओं का पता लगाने और उन्हें न्याय के जद में लाने को आतुर हैं.’
ओबामा ने अपने संबोधन की शुरुआत बेनगाजी हमले में मारे गए अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर स्टीवंस को याद करते हुए की.
उन्होंने कहा, ‘भविष्य उन लोगों का नहीं हो सकता जो इस्लाम के पैगम्बर का अनादर करते हैं. हां, जो लोग इसकी निंदा करते हैं, उन्हें ईसा मसीह की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की भी निंदा जरूर करनी चाहिए.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह वक्त गांधी के उन शब्दों को याद करने का है कि ‘असहिष्णुता भी अपने आप में एक हिंसा है और लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.’
ओबामा ने कहा, ‘यह वीडियो न सिर्फ मुसलमानों का अपमान है, बल्कि अमेरिका का भी अपमान है क्योंकि हम एक ऐसा देश हैं जो सभी धर्मों और नस्ल के लोगों का स्वागत करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां पूरे देश में मुसलमान इबादत करते हैं. हम न सिर्फ धार्मिक आजादी का सम्मान करते हैं, बल्कि हमारे यहां ऐसे कानून हैं जो सभी लोगों की सुरक्षा करते हैं.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें इस बात पर जोर देना चाहिए कि भविष्य क्रिस स्टीवंस जैसे लोगों के जरिए पहचाना जाए, न कि उनके हत्यारों से.’
ओबामा ने कहा कि अमेरिका ने अपने यहां लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के करने के कारण इस वीडियो पर पाबंदी नहीं लगाने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, ‘इस वीडियो पर प्रतिबंध नहीं लगाने का यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि अमेरिका नफरत भरे भाषण का समर्थन करता है. मैं जानता हूं कि कुछ लोग यह कहते हैं कि आप इस तरह के वीडियो पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाते. इसका जवाब हमारे संविधान में है. संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है.’