चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अमीरी-गरीबी के बढ़ते अंतर, भ्रष्टाचार, और पार्टी में सत्ता के केंद्रीकरण पर बढ़ती जन चिंताओं के बीच विश्व के इस सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राष्ट्र की अगुवाई के लिये नया नेतृत्व नियुक्त करने जा रही है.
नये नेता चुनने वाली 18वीं कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस गुरुवार से बीजिंग में होने जा रही है. यह कांग्रेस ऐसे समय में होने जा रही है जब अमेरिका में सत्ता के शीर्ष के लिए कड़ा मुकाबला हुआ है और यह यह दोनों देशों की प्रणालियों के बीच घोर अंतर का परिचायक है.
विश्लेषकों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है कि नेतृत्व में पीढ़ीगत बदलाव के प्रतीक समझे जाने वाली कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस की बैठक अमेरिकी चुनावों के समय हो रही है.
16वीं कांग्रेस भी नवंबर में हुई थी जब निवर्तमान राष्ट्रपति हू जिंताओ ने सत्ता की कमान संभाली थी. लेकिन चीन पिछले 10 सालों में थोड़ा और खुला भी. दरअसल ऐसी अटकलें थी कि कांग्रेस अक्टूबर में ही होगी ताकि उसका समय और अमेरिकी चुनाव का समय साथ न हो. लेकिन बो जिलाई घोटाला और उनकी पत्नी तथा कई अधिकारियों को दोषी सिद्ध करने की कानूनी प्रक्रिया और कई अन्य बातों की वजह से नेतृत्व परिवर्तन का प्रक्रिया थोड़ी आगे बढ़ गयी.
आधिकारिक अनुमानों के अनुसार उपराष्ट्रपति जी जिनपिंग और उपप्रधानमंत्री ली केकियांग कांग्रेस से बहुत पहले ही हू और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के उत्तराधिकारी चुन लिए गए हैं. इस कांग्रेस में 2270 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. चीनी अधिकारियों ने कहा कि यह निरंतरता एवं स्थायित्व की प्रक्रिया का प्रतीक है.
आशा की जा रही है कि यह कांग्रेस सप्ताहभर चलेगी जिसके अंत में सात या नौ सदस्यीय स्थायी समिति, पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के नये नेताओं की घोषणा की जाएगी. कांग्रेस से पहले सरकारी मीडिया ने एक जनमत सर्वेक्षण प्रकाशित कर कहा कि अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई चीनी जनता के लिए बहुत बड़ी चिंता है. देश में सन् 1949 से कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है.