अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे यूरोपीय संघ को यूरोप में लोकतंत्र और शांति को बढ़ावा देने के लिये प्रतिष्ठित नोबल शांति पुरस्कार के लिये चुना गया.
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नार्वे की पुरस्कार समिति ने कहा कि छह दशक तक यूरोप में सुलह सफाई, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिये यूरोपीय संघ को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा.
नोबेल समिति के अध्यक्ष थोरबजोर्न जगलैंड ने कहा कि यूरोपीय संघ ने स्थिरता लाते हुये एक समय में बिखरे हुये यूरोप को युद्ध के महाद्वीप से शांति के महाद्वीप में बदलने में मदद किया.
उल्लेखनीय है कि द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद यूरोपीय संघ का विचार सामने आया. धारणा यह थी कि नजदीकी आर्थिक संबंध इस बात को सुनिश्चित करेगा कि सदियों से आपसी दुश्मनी रखने वाले देश एक दूसरे के खिलाफ हमला नहीं करेंगे.
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संयुक्त यूरोप के विचार ने उस समय ज्यादा स्पष्ट आकार ग्रहण किया जब नौ मई 1950 को फ्रांसीसी विदेश मंत्री राबर्ट शुमैन ने प्रस्ताव दिया कि एक नये संगठन के जरिये फ्रांस और जर्मन संघीय गणराज्य अपने कोयले और स्टील के संसाधनों को एक दूसरे से साझा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस संगठन में अन्य यूरोपीय देश शामिल हो सकते हैं.
नोबेल समिति ने कहा, ‘आज जर्मनी और फ्रांस के बीच युद्ध अकल्पनीय है. यह दर्शाता है कि कैसे उद्देश्यपूर्ण प्रयासों के जरिये और आपसी विश्वास विकसित कर, ऐतिहासिक दुश्मन नजदीकी सहयोगी बन सकते हैं.’ समिति ने इस बात का भी उल्लेख किया कि यूरोपीय संघ ने अपने साथ जुड़ने की प्रतीक्षा कर रहे देशों से लोकतांत्रिक शर्तो को पूरा करने की मांग की. इसमें वर्ष 1980 में शामिल होने वाले यूनान और स्पेन तथा 1989 में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद यूरोपीय संघ की सदस्यता चाहने वाले पूर्वी यूरोप के देशों का उल्लेख शामिल है.
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यह पुरस्कार एक ऐसे समय में शांति को बढ़ावा देने में यूरोपीय संघ की ऐतिहासिक भूमिका को रेखाकिंत करने का प्रयास कर रहा है जब यूरोप गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इससे उत्तरी तथा दक्षिणी यूरोप के बीच गहरा तनाव उत्पन्न हो गया जो यूरोपीय संघ के मौजूदा स्वरूप पर सवाल खड़ा कर रहा है. जगलैंड ने कहा, ‘यूरोपीय संघ वर्तमान समय में गंभीर आर्थिक संकट और सामाजिक अशांति से जूझ रहा है.’ उन्होंने कहा कि नार्वे की नोबेल समिति का शांति और सुलह समझौते, लोकतंत्र तथा मानवाधिकार के लिये यूरोपीय संघ के संघर्ष को शुभकामनायें.
जगलैंड ने कहा कि यूरोपीय संघ ने स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यूरोप को युद्ध के महाद्वीप से शांति के महाद्वीप में बदलने में मदद की. यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पायेगा कि यूरोपीय संघ की ओर से कौन यह शांति पुरस्कार ग्रहण करेगा.