भारतीय महिला दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की मौत के बाद भड़के विरोध के चलते आयरलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि वह इस मामले की जांच के लिये स्वतंत्र विशेषज्ञ को नियुक्त करेंगे जिससे यह जांच दुनिया की नजरों में खरी उतरे.
आयरलैंड में जन स्वास्थ्य सेवाओं का नियंत्रण करने वाली स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यकारिणी ने कहा कि स्त्री एवं प्रसूति रोग के एक स्वतंत्र विदेशी विशेषज्ञ को नियुक्त किया जायेगा जो सविता की मौत की जांच कर रहे दल का साथ देगा.
इक्कतीस वर्षीय गर्भवती सविता की मौत की खबर के बाद डबलिन में आयरलैंड के गर्भपात नियमों के खिलाफ प्रदर्शन किये गये. स्वास्थ्य मंत्री जेम्स रिले ने कहा कि इस मामले की जांच दुनिया की नजरों में खरी उतरनी चाहिये.
कर्नाटक की रहने वाली सविता की रक्त में जहर के कारण 28 अक्तूबर को गैलवे के यूनिवर्सिर्टी हॉस्पिटल में मौत हो गयी थी. चिकित्सकों ने यह कहकर उसका गर्भपात ऑपरेशन करने से मना कर दिया था कि ‘यह एक कैथलिक देश है.’ आयरलैंड में जब तक जान का बहुत अधिक खतरा न हो तब तक गर्भपात गैरकानूनी है.
आयरलैंड की संसद ‘द डेल’ के बाहर भी करीब दो हजार लोग इकट्ठे हुये जिन्होंने देश के इस विवादास्पद गर्भपात के कानून में संशोधन की मांग की। यहां सविता की याद में एक मिनट का मौन भी रखा गया.
खबरों के अनुसार लंदन में भी 40 प्रदर्शनकारियों का एक समूह आयरलैंड के दूतावास के बाहर एकत्र हुआ. कॉर्क में ओपेरा हाउस पर सविता की याद में कैंडल मार्च आयोजित किया गया. सविता की मौत की दो जांच चल रही हैं. स्वास्थ्य कार्यकारिणी की जांच के अलावा अस्पताल ने भी एक आंतरिक जांच शुरू की है.
आयरलैंड के प्रधानमंत्री ऐंडा कैनी ने स्वतंत्र जांच से इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को पहले अस्पताल और स्वास्थ्य कार्यकारिणी की जांच रिपोर्ट लेनी चाहिये.