पंद्रह साल तक सेना के जनरलों द्वारा नजरबंद रखी गईं म्यांमार की नेता आंग सान सू ची का कहना है कि वह सैनिकों से ‘घृणा’ कभी नहीं कर सकतीं.
सू ची ने कहा कि उनके दिल में बर्मी सेना के लिए ‘नरमी का भाव’ है क्योंकि वह सेना के परिवार में पली बढीं हैं और उनके पिता देश की सेना के संस्थापक थे.
सू ची ने कहा कि वह ‘असहज स्थिति’ में हैं क्योंकि उन्हें सैनिकों द्वारा उनके पिता आंग सान को मिली प्रशंसा याद है और बाद में उन्हें इसी सेना द्वारा अकेले में जीवन बिताने के लिए मजबूर किया गया.
सू ची ने कहा, ‘मैं इस भावना के साथ बढी हुई हूं कि मैं सेना परिवार का हिस्सा हूं.’
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता के बारे में बहुत ज्यादा याद नहीं है, सू ची जब दो वर्ष की थी तभी उनके पिता की हत्या कर दी गई थी और पिता से उनकी यादें केवल उनकी तस्वीरों के जरिये ही जुड़ी हैं. म्यांमार में सू ची के घर में लगी उनके पिता की तस्वीरों में वह सेना की यूनीफार्म में हैं.