सरकार की सिंहली समर्थक छवि को तोड़ने की कोशिश करते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने पूर्वी प्रांत के तमिल और मुस्लिम बहुल क्षेत्र में आयोजित एक चुनावी रैली में कहा कि वह सभी समुदायों के राष्ट्रपति हैं.
राजपक्षे ने मुस्लिम बहुल प्रदेश कालमुनाई में कहा, ‘मैं सिंहली, मुस्लिम या तमिलों का राष्ट्रपति नहीं हूं, मैं श्रीलंका के लोगों का राष्ट्रपति हूं.’
राजपक्षे के इस बयान से पहले सत्तारूढ़ यूपीएफए ने मुख्य मुस्लिम पार्टी और सहयोगी दल श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस (एसएलएमसी) पर आरोप लगाया था कि वह आठ सितंबर को होने वाले चुनावों में मत पाने के लिए मुस्लिम समुदाय को भड़का रही है.
सरकार की सहयोगी पार्टी एसएलएमसी ने पूर्वी प्रांत के चुनाव में स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. यूपीएफए ने आरोप लगाया है कि चुनाव में मत पाने के लिए एसएलएमसी सांप्रदायिकता आधारित चुनाव प्रचार कर रही है.
कानून मंत्री और एसएलएमसी के नेता रऊफ हकीम के हवाले से राजपक्षे ने कहा, ‘वह आते हैं और झूठी खबरें फैलाते हैं कि देश के दक्षिण भाग में मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है.’