ईरान ने सीरिया में अपहृत किए गए 48 तीर्थयात्रियों को मुक्त कराने के लिए तुर्की से मदद की मांग की है. तीर्थयात्रियों की बस को दमिश्क में अपहर्ताओं ने अपने कब्जे में ले लिया था.
ईरान के आधिकारिक टेलीविजन की वेबसाइट की खबर के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री अली अकबर सलेही ने शनिवार को अपने तुर्की समकक्ष अहमत देवूतोग्लू को फोन करके उनसे मदद मांगी.
खबर के अनुसार,‘सलेही ने अहमत से सीरिया में बंदी बनाए गए ईरानी तीर्थयात्रियों को छुड़ाने के लिए तुर्की से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. तुर्की समकक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मामले का अध्ययन करके जल्द ही प्रयास करेंगे.’
दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास और सीरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी साना के अनुसार, सशस्त्र आतंकी समूहों ने 48 ईरानी तीर्थयात्रियों को बंदी बना लिया था. ये तीर्थयात्री बस में बैठकर दमिश्क के हवाई अड्डे की ओर जा रहे थे.
दोनों स्रोतों के अनुसार, ईरानी दूतावास और सीरियाई अधिकारी अपहर्ताओं का पता लगाने में जुटे हैं.
सीरिया में उपजे विवादों के प्रति ईरान और तुर्की दोनों ही एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं.
तेहरान दमिश्क का पक्का सहयोगी है जबकि अंकारा सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से निकाल देने के सीरियाई विपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन करता है.
सीरियाई सरकार विद्रोहियों को ‘आतंकी’ कहती है. सीरिया और ईरान का आरोप है कि तुर्की इन विद्रोहियों को सैन्य और आर्थिक मदद उपलब्ध कराता है. इन देशों के बीच के रिश्ते बेशक इस समय तनावपूर्ण हो गए हों लेकिन तेहरान और अंकारा ने एक दूसरे से नियमित बातचीत जारी रखी है. ये दोनों ही देश मध्यपूर्व की घटनाओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव रखते हैं.
तुर्की ने इस साल की शुरुआत में भी सीरिया में अपहृत किए गए कई ईरानियों को छुड़वाने में मदद की थी.
आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, अपहृत किए गए 32 ईरानी तीर्थयात्रियों में से अब तक 27 को मुक्त किया जा चुका है.
ईरान से लगभग सात लाख लोग हर साल सीरिया की राजधानी दमिश्क के दक्षिणपूर्वी इलाके में स्थित शिया समुदाय के सैय्यदी जेनब तीर्थस्थल की यात्रा पर जाते हैं. लेकिन पिछले साल मार्च में सीरिया में हिंसा शुरू होने से इस संख्या में गिरावट आई है.