ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इजराइल पर अब तक के सबसे तीखे जुबानी हमलों में से एक के तहत इस यहूदी राष्ट्र के अस्तित्व को ‘मानवता का अपमान’ करार दिया है जबकि इजराइल में इस बात को लेकर सार्वजनिक रूप से बहस चल रही है कि क्या ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला किया जाय अथवा नहीं.
महमूद अहमदीनेजाद ने कहा कि इजराइल के साथ संघर्ष करना ‘सभी मनुष्यों की प्रतिष्ठा के संरक्षण करने का’ एक प्रयास है. रमजान के पवित्र महीने में पिछले शुक्रवार को वाषिर्क कुद्स (यरूशलम) दिवस पर निकाली गयी राष्ट्रव्यापी फलस्तीन समर्थक रैलियों के बाद तेहरान विश्वविद्यालय में एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा कि यहूदीवादी शासन का असतित्व मानवीयता का अपमान है.
इजराइल ईरान को उसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम को लेकर एक खतरा मानता है. उसका आरोप है कि वह उसकी सीमा पर इजराइल विरोधी कट्टरपंथियों को समर्थन देता है. अहमदीनेजाद कई बार इजराइल को बरबाद करने की बात कह चुके हैं.
उधर इजराइल में इस बात को लेकर बहस चलती रही है कि ईरान के परमाणु संयत्रों पर हमला किया जाय अथवा नहीं. इजराइल का अधिकृत रवैया है कि कूटनीतिक एवं आर्थिक प्रतिबंधों से ईरान को यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम रोकने पर विवस किया जाय. वह इस बात पर जोर देता रहा है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके. उधर ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर उस पर हमला किया गया तो वह इस्राइल और क्षेत्र में अमेरिकी हितों पर हमला करेगा.