जापान में राजनीतिक घटनाक्रम के चलते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वहां का दौरा रद्द करने के एक दिन बाद जापान के प्रधानमंत्री योशिहिको नोदा ने गुरुवार को अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया और देश में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस तथ्य का स्वागत किया कि भारत-जापान रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी पहले से काफी मजबूत है. 16 नवम्बर 2012 को जापानी संसद के निचले सदन के भंग होने की घोषणा के मद्देनजर महसूस किया गया कि भारत के प्रधानमंत्री का जापान दौरा बाद में हो सकता है.’
द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत और जापान के बीच सामाजिक सुरक्षा पर समझौता सहित भारत में दुर्लभ खनिज से जुड़े उद्योग पर सहमति पत्र का स्वागत किया. उन्होंने दोनों दस्तावेजों पर यथाशीघ्र हस्ताक्षर होने की उम्मीद जताई.
दोनों समझौते द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए सिंह के दौरे के वक्त होने थे. विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने वाषिर्क शिखर सम्मेलन की समय सारिणी को बनाए रखने की इच्छा जताई और इस बात पर सहमत हुए कि कूटनीतिक चैनल के माध्यम से प्रधानमंत्री के जापान दौरे की तिथि पर चर्चा होगी.’
मनमोहन सिंह शुक्रवार से 20 नवम्बर तक दो देशों की यात्रा के पहले चरण में तीन दिनों की जापान यात्रा पर जाने वाले थे. वह आसियान भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए 18 नवम्बर को तय समय पर कम्बोडिया रवाना होंगे.