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अच्छी दोस्ती के लिए कश्मीर का हल जरूरीः हिना

पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे पर भरोसा करते हुए साहस के साथ कश्मीर सहित सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रयास करना चाहिए, कश्मीर समस्या का हल होना दोनों मुल्कों की दोस्ती को प्रगाढ़ बनाएगा.

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हिना रब्बानी खार
हिना रब्बानी खार

पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे पर भरोसा करते हुए साहस के साथ कश्मीर सहित सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रयास करना चाहिए, कश्मीर समस्या का हल होना दोनों मुल्कों की दोस्ती को प्रगाढ़ बनाएगा.

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उन्होंने कहा, ‘कश्मीर सहित सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए विश्वास और साहस का सहारा लेना चाहिए, ताकि पिछले कई दशकों से क्षेत्र को बांटकर रखने वालों को निरस्त्र किया जा सके.’

हिना ने एशिया सोसायटी के कार्यक्रम में कहा, ‘कश्मीरियों को वही अधिकार मिलने चाहिए जो दुनिया के दूसरे लोगों को मिले हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम इन मुद्दों को हल करने के लिए विश्वास तथा साहस पैदा नहीं कर पाते तो उन लोगों को निहत्था करने में नाकाम रहेंगे जो बीते कुछ दशकों से पूरे क्षेत्र को बांटे हुए हैं.’

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचीं हिना रब्बानी ने कहा, ‘कश्मीर लगातार ऐसा मुद्दा बना हुआ है जो क्षेत्र के नौजवानों में गुस्सा और असंतोष पैदा करता है और हमारा मानना है कि इनका एक हल निकलना बेहद आवश्यक और महत्वपूर्ण है.’

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उन्होंने कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तान का अपना रुख है और वह मानता है कि इसमें सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अमल होना चाहिए.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने कहा कि भारत के साथ सर क्रीक और सियाचिन पर सीमा संबंधी विवाद बरकरार हैं. हिना के इस बयान से एक दिन पहले ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि कश्मीर संयुक्त राष्ट्र की कार्यप्रणाली की विफलता का प्रतीक है और सीमा विवादों पर पाकिस्तान का रूख उसकी विदेश नीति का आधारशिला है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें अधिवेशन में जरदारी ने 20 मिनट के भाषण में कहा, ‘कश्मीर संयुक्त राष्ट्र की प्रणाली की असफलता का प्रतीक है, मजबूती का नहीं.’ उन्होंने कहा था, ‘हमें लगता है कि इन मुद्दों का हल केवल सहयोग के वातावरण में ही निकल सकता है.’

हिना रब्बानी ने कहा, ‘छह दशकों ने हमें सिखाया है कि युद्ध उत्तर नहीं है. कोई सैन्य हल नहीं है. हमें इन महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए कम से कम विश्वास बढ़ाने योग्य वातावरण को छह वर्ष देने चाहिए.’ उन्होंने हाल ही में विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा के इस्लामाबाद दौरे को बहुत उपयोगी बताया.

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