आयरलैंड में चिकित्सकों की ओर से कथित तौर पर ‘एक कैथोलिक देश’ होने का हवाला देकर गर्भपात से इनकार करने के कारण 31 वर्षीय एक भारतीय दंत चिकित्सक की खून में विषाक्तता की वजह से मौत हो गई.
‘दी आईरिश टाइम्स’ की खबर में गुरुवार को कहा गया कि आयरलैंड के अधिकारियों ने सविता हालापनवर की मौत की जांच शुरू कर दी है. सविता 17 हफ्तों की गर्भवती थीं और पिछले महीने गालवे स्थित विश्वविद्यालय अस्पताल में गर्भपात एवं सेप्टिसीमिया के कारण उनकी मौत हो गई. उनके पति एवं गालावे स्थित बॉस्टन साइन्टिफिक में एक अभियंता प्रवीण हालापनवर ने कहा कि सविता ने तीन दिनों के दौरान कई बार गर्भपात करने की मांग की थी.
प्रवीण ने कहा कि एक दिन भारी पीड़ा में बिताने एवं यह बताए जाने के बाद कि वह जीवित बच्चे को जन्म नहीं दे पाएंगी, सविता ने चिकित्सीय रूप से गर्भपात करने को कहा. उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने यह मांग खारिज कर दी क्योंकि भ्रूण में अभी भी दिल की धड़कन मौजूद थी और यह कहा कि ‘यह एक कैथोलिक देश है.’ बाद में मृत भ्रूण को हटा कर सविता को सघन चिकित्सा कक्ष में रखा गया, जहां 28 अक्तूबर को सेप्टिसेमिया के कारण उनकी मौत हो गई.
गौरतलब है कि आयरलैंड गणराज्य में गर्भपात अवैध है और इस घटना से वहां महिला अधिकारों पर बहस फिर शुरू हो गई है. आयरलैंड के प्रधानमंत्री एंडा केनी ने कहा कि वह सविता की मौत के मामले में जांच के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं.