ब्रिटेन के एक अस्पताल में उपचार करा रही पाकिस्तानी किशोरी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के पिता ने शुक्रवार को कहा कि वह ठीक है और चल फिर रही है. पिता अस्पताल में उससे पहली बार मिले जहां वह ‘उत्साहजनक गति से स्वास्थ्य लाभ कर रही है.
मलाला के सिर में तालिबान ने गोली मार दी थी और उसे गंभीर स्थिति में पाकिस्तान से लाकर यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भावुक दिखायी दे रहे जियाउद्दीन यूसुफजई ने संवाददाताओं से कहा, ‘उसे सही समय पर, सही जगह पर, सही उपचार मिल गया. वह उत्साहजनक गति से स्वास्थ्य लाभ कर रही है और हम काफी खुश हैं.’
यह पूछे जाने पर कि जब वह अपने परिवार के साथ बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में 15 वर्षीय मलाला से मिले तो उन्हें कैसा महसूस हुआ, ‘मैं उसे प्यार करता हूं और गुरुवार रात जब हम उससे मिले तो हमारी आंखों में खुशी के आंसू थे. हम सब थोड़ा बहुत रोये.’ उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ब्रिटेन में सुरक्षित है.
पाकिस्तान में तालिबान का गढ़ रही स्वात घाटी में तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने के लिए मलाला को सबक सिखाने के वास्ते नौ अक्टूबर को उसे सिर में गोली मारी थी. इस हमले की पूरे विश्व में निंदा की गई थी. उसे बेहतर इलाज के लिए लंदन लाया गया था. जियाउद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उसे ब्रिटेन भेजने का निर्णय किया था.
उन्होंने कहा कि मलाला का जिंदा बचना एक चमत्कार है. उन्होंने कहा कि हमले के बाद जब पाकिस्तान में उन्होंने अपनी बेटी को देखा तो उसका पूरा शरीर सूजा हुआ था और उसकी स्थिति भयानक थी. उन्होंने कहा कि जब उसे बर्मिंघम में देखा तो वह ठीक थी और चल रही थी.
पाकिस्तान के सर्जनों ने उसका जीवन बचाने के लिए कई दिनों तक प्रयास किये. उन्होंने कहा कि उसे सही समय पर, सही जगह पर सही उपचार मिला. इस स्कूली लड़की को पिछले हफ्ते ब्रिटेन लाया गया था. इससे पहले पाकिस्तान में उसकी एक सर्जरी हुई थी जिसमें उसके मेरूदंड के पास से एक गोली निकाली गयी थी. जियाउद्दीन ने कहा कि ठीक होने के बाद उनकी बेटी पाकिस्तान वापस लौटेगी और वह अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है.
जियाउद्दीन ने कहा, ‘जब मलाला गिरी तो पाकिस्तान खड़ा हुआ और दुनिया जाग गयी. वह केवल मेरी बेटी नहीं बल्कि सभी की पुत्री है.’ उन्होंने उपचार करने के लिए अस्पताल के चिकित्सकों को शुक्रिया कहा. उन्होंने याद करते हुए कहा कि जब हमले के बाद उन्होंने मलाला को देखा था तो अपने एक रिश्तेदार से कहा था कि वह अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि लड़की जिंदा बच पायेगी.
जियाउद्दीन ने कहा, ‘वह फिर उठेगी, वह फिर चलेगी. अब वह खड़ी हो सकती है.’ मलाला की मां और उसकी दो बहनें भी बर्मिंघम आयी हैं. क्वीन एलिजाबेथ और बर्मिंघम चिल्ड्रेन अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल उनकी देखरेख कर रहा है. पाकिस्तान के रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में इलाज के बाद मलाला को हवाई एंबुलेंस से यहां लाया गया था.