मालदीव ने राष्ट्रपति के प्रवक्ता अब्बास आदिल रिजा की ओर से भारत के उच्चायुक्त के खिलाफ दिए गए बयान के बाद उपजे तनाव को कम करने के लिए माफी मांगी है.
आधिकारिक सूत्रों ने के मुताबिक मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद वहीद ने भारत के उच्चायुक्त से कहा है कि वह इस गलती को ‘ठीक करने’ के लिए कदम उठाएंगे.
रिजा ने शुक्रवार को ‘23 दिसंबर अलाएंस’ की ओर से आयोजित एक रैली में भारत के उच्चायुक्त दयानेश्वर मुलय को ‘गद्दार’ और ‘मालदीव का एक दुश्मन’ कहा था. यह रैली पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद की सरकार के उस फैसले का विरोध करने के लिए आयोजित की गई, जिसमें इब्राहिम नसीर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को भारत की कंपनी जीएमआर को पट्टे पर दिया गया.
रिजा ने कहा, ‘एक राजनयिक का काम अपने देश एवं लोगों के लिए काम करना है, ना कि एक निजी कंपनी के हितों की रक्षा करना. वह गद्दार और मालदीव एवं मालदीव के लोगों के दुश्मन हैं. हम अपने यहां इस तरह के राजनयिक नहीं चाहते.’ हालांकि बाद में राष्ट्रपति मुहम्मद वहीद की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया कि मालदीव सरकार अब्बास आदिल रिजा एवं कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों के बयान से खुद को अलग करती है. बयान में कहा गया कि ये सरकार के विचार नहीं हैं.
भारत के उच्चायोग के बयान में यह भी कहा गया कि मालदीव सरकार को बताया गया है कि साझा हितों के बड़े मुद्दों को सार्वजनिक तौर पर या मंच पर नहीं उछाला जाना चाहिए. इसमें कहा गया कि मालदीव की नयी सरकार ने जीएमआर समेत कुछ मुद्दे उठाए हैं और इन मुद्दों का हल बातचीत के जरिए निकाला जा सकता है. वार्ता विफल होने की सूरत में यह देश मध्यस्थता का मार्ग अपना सकता है.
उधर मालदीव के राष्ट्रपति की वेबसाइट पर जारी बयान में सरकार ने खुद को इस बयान से दूर कर लिया है.
इस बयान में कहा गया है, ‘यह जमावड़ा कुछ राजनैतिक दलों और कुछ लोगों ने किया था. इस रैली में अब्बास आदिल रिजा की ओर से रखे गए विचार, हालांकि ये उनके विचार थे, खेदजनक है. यह मालदीव सरकार के विचार नहीं हैं, विशेष तौर पर मालदीव में भारत के उच्चायुक्त डी एम मुलय के खिलाफ दिया गया बयान.’