गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का दस साल तक बहिष्कार करने के बाद, ब्रिटेन द्वारा अब अपनी नीति में बदलाव करने के फैसले के बीच अमेरिका ने कहा है कि वह मोदी के वीजा आवेदन पर देश के आव्रजन कानूनों के अनुरूप काम करेगा.
अमेरिकी उपविदेश मंत्री विलियम बर्न्स ने यह बात कही. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अमेरिका गुजरात में अपनी कंपनियों के हितों का समर्थन करता है.
बर्न्स ने कहा, ‘मुझे पता है कि यह सवाल बार-बार उठता आया है. सच यह है कि मैं व्यक्तिगत वीजा आवेदनों पर टिप्पणी नहीं कर सकता. जब आवेदन मिलते हैं तब अमेरिकी आव्रजन कानून के अनुसार उन पर काम होता है.’ बर्न्स, ब्रिटिश सरकार द्वारा मोदी को लेकर अपनी नीति में बदलाव के बाद अमेरिका की नीति में बदलाव की संभावना से संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे.
ह्यूमन राइट्स वाच के एशियाई मामलों के निदेशक जॉन सिफटन ने पूछा, ‘लगभग दस साल पहले गुजरात में भयानक हिंसा हुई जिसमें लगभग 2,500 लोग मारे गए. ब्रिटिश सरकार ने गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ पूर्व में जारी अपनी उदासीन नीति का परित्याग कर दिया है. क्या अमेरिका अब भी मोदी के प्रति अपनी उदासीन नीति अपनाए हुए है, आगे भी अपनाएगा, क्या यह नीति बरकरार रहेगी?’
बर्न्स ने कहा, ‘व्यापारिक गतिविधियों की बात करूं तो अमेरिका के वहां बड़े व्यापारिक हित हैं. हम इसे समर्थन देना जारी रखेंगे. गुजरात से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका आते हैं. इसलिए हमारा एक मजबूत जुड़ाव है. लेकिन विशेष व्यक्तियों के संदर्भ में मेरे पास कहने के लिए कुछ भी नया नहीं है.’
ब्रिटेन ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद से दस साल तक मोदी का बहिष्कार करने के बाद गत 11 अक्टूबर को गुजरात के साथ अपने संबंध बहाल करने की घोषणा की थी.