तेहरान में गुरुवार से 16 वां नाम सम्मेलन शुरू हो रहा है. इस सम्मेलन पर दुनिया भर की नजर होगी. उम्मीद है कि इस दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अलि जरदारी से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.
कसाब की फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट से बरकरार रखे जाने के बाद अब भारत पाकिस्तान से सीमा पार पल रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की बातें मजबूती से रखेगा. हांलाकि पाकिस्तान का रुख अब भी नकारात्मक नजर आ रहा है.
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के मसले पर उल्टे भारत की ही गलती ढूंढने में जुटी हैं.
हांलाकि भारत ने ये भी साफ कर दिया है कि असम हिंसा के दौरान पाकिस्तान से भेजे गए हेट मेल का मुद्दा इस मुलाकात में नहीं उठाया जाएगा. उधर नाम सम्मेलन शुरू होने से पहले ही भारत और बांग्लादेश कुछ द्वीपक्षिय मुद्दों पर चर्चा कर चुके हैं. जिनमें तीस्ता नदी जल के बंटवारे औऱ लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट अहम हैं. बांग्लादेश से भारत में हो रहे घुसपैठ का मुद्दा भी इस मुलाकात में उठाया गया है.
इस बीच बुधवार को ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद और धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खीमेनी से मनमोहन सिंह ने मुलाकात की. इस मुलाकात में परमाणु कार्यक्रमों के साथ साथ कारोबारी रिश्ते और मजबूत करने पर भी चर्चा हुई.
मनमोहन सिंह की ईरान यात्रा ऐसे समय में हो रही है जबकि पश्चिमी देश ईरान पर परमाणु कार्यक्रमों को लेकर दबाव बना रहे हैं. तमाम यूरोपिय देश और अमेरिका चाहता था कि नाम के सदस्य देश तेहरान में हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा न लें.