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मंगल ग्रह पर उतरा क्यूरियोसिटी रोवर

नासा का अंतरिक्ष यान क्यूरियोसिटी रोवर मंगल ग्रह पर उतर गया है. इसके साथ ही मानव समाज के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है.

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क्यूरियोसिटी रोवर अंतरिक्ष यान
क्यूरियोसिटी रोवर अंतरिक्ष यान

नासा का अंतरिक्ष यान क्यूरियोसिटी रोवर मंगल ग्रह पर उतर गया है. इसके साथ ही मानव समाज के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है.

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नासा का अंतरिक्ष यान मार्स रोवर क्यूरियोसिटी मंगल ग्रह पर कामयाबी के साथ लैंड कर चुका है. उतरने के साथ ही मार्स ने धरती पर नासा के कंट्रोल रूम में सिग्नल और तस्वीरें भी भेजी हैं.

भारतीय समय के मुताबिक सुबह 11.01 बजे मार्स रोवर ने मंगल का सतह छुआ. स्काईक्रेन के जरिए यह स्पेसक्राफ्ट मंगल पर लैंड हुआ.

ये पूरा काम बेहद मुश्किल माना जा रहा था क्योंकि यान की स्पीड उतरते वक्त 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की थी, इस स्पीड को सिर्फ सात मिनट में कम करके जीरो तक लाना था.

इस सात मिनट के दौरान यान का संपर्क धरती से पूरी तरह टूट गया. लेकिन सात मिनट के बाद यान ने कामयाबी के साथ मंगल की सतह पर उतरकर तस्वीरें और डेटा भेजने शुरू कर दिए.

क्यूरियोसिटी रोवर मंगल ग्रह पर जीवन की उम्मीद की तलाश करेगा. माना जा रहा है कि ये अभियान वो आखिरी अभियान है जिसके बाद इंसान पक्के तौर पर कह सकेगा कि मंगल पर इंसान के बसने की उम्मीद है या नहीं.

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इस मिशन में मंगल के मौसम की जानकारी बटोरी जाएगी.

क्यूरियोसिटी नासा की ओर से बनाया गया अबतक का सबसे भारी और बड़ा अंतरिक्ष यान है.

ये अपने साथ नासा के सबसे बेहतरीन और तकनीक संपन्न उपकरण लेकर अंतरिक्ष गया है. अगर मंगल पर इसकी लैंडिंग कामयाब रही ये अंतरिक्ष विज्ञान की ये एक बड़ी उपलब्धि होगी.

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