तालिबान की धमकी के बीच इमरान खान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) द्वारा पाकिस्तान में आयोजित ड्रोन विरोधी रैली को रविवार को दक्षिण वजीरिस्तान में जाने की इजाजत नहीं मिली. इसके बाद इमरान ने कोटकई की जगह टैंक के जहाज मैदान में सभा को सम्बोधित कर रैली का समापन किया.
अमेरिकीयों का एक समूह भी इस रैली में शामिल था. दर्जनों विदेशी पत्रकार भी रैली की रिपोर्टिग के लिए साथ थे.
खबरों के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने रैली में शामिल वाहनों के पास कबायली इलाके में प्रवेश के लिए अनुमति पत्र न होने के कारण अनुमति नहीं दी.
इसके बाद इमरान ने कोटकई की जगह टैंक के जहाज मैदान में सभा को सम्बोधित कर रैली का समापन किया.
इमरान खान के नेतृत्व में शनिवार को अमेरिकी ड्रोन हमले के विरोधी में रैली का प्रथम चरण शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हुआ. सैकड़ों वाहनों के काफिले का नेतृत्व कर रहे इमरान खान ने दक्षिण वजीरिस्तान पहुंच कर रैली के समापन की योजना बनाई थी.
यह शांति मार्च शनिवार को इस्लामाबाद, लाहौर और कराची से शुरू हुआ. जबकि तालिबान ने मार्च में हिस्सा लेने वालों को आत्मघाती हमलों का निशाना बनाने की धमकी दी थी.
तालिबान ने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी पर यहूदियों और ईसाइयों का खरख्वाह होने का आरोप लगाया था. लेकिन पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी इमरान ने शनिवार को डेरा इस्माइल खान में उपस्थित एक विशाल जनसमूह के समक्ष कहा कि यह रैली केवल ड्रोन हमलों की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए है.
तालिबान ने दक्षिण वजीरिस्तान और अन्य स्थानों पर पर्चे बांटे हैं, जिसमें रैली में शामिल होने वालों पर हमले की धमकी दी गई है. पर्चों की प्रतियां मीडिया को भी भेजी गई हैं.
पर्चो के हवाले से कहा गया है, 'हम वजीरिस्तान के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे यहूदियों और ईसाइयों के गिरोहों का समर्थन न करें, अन्यथा उनका बुरा हाल होगा. हम, तहरीक-ए-तालिबान, आत्मघाती हमलों से उनका स्वागत करेंगे.'
उर्दू भाषा में प्रकाशित ये पर्चे तालिबान के पंजाब धड़े ने जारी किए हैं, जिसे अलकायदा का करीबी माना जाता है.
रैली में अमेरिका के 32 नागरिक भी शामिल हुए, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं.
अमेरिका का युद्ध विरोधी समूह 'कोड पिंक' यहां पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र में अमेरिकी ड्रोन हमले के प्रभाव को लेकर अमेरिका के लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए सक्रिय है.
इस बीच, ब्रिटिश विदेश विभाग ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान के पेशावर तथा डेरा इस्माइल खान इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी, जो रैली के रास्तों में आते हैं.
तालिबान द्वारा हमले की धमकी देने के बाद इस्लामाबाद में रविवार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी.
खबर के मुताबिक गृह मंत्री रहमान मलिक ने अधिकारियों को शहर के प्रवेश एवं निकास बिंदुओं पर सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए.
पांच सितारा होटलों एवं राजनयिकों की कॉलोनियों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा इन इलाकों की तरफ जाने वाली सड़कों पर अवरोधक लगाए गए हैं.