पाकिस्तान में ईश-निंदा कानून के तहत गिरफ्तार 11 वर्षीय ईसाई बच्ची की जमानत याचिका पर सुनवाई अदालत ने सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.
न्यायाधीश मुहम्मद आजम खान की अदालत ने इस मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि बच्ची की ओर से जमानत याचिका दायर करने वाले की जांच करें. अदालत ने यह निर्देश तब दिया जब अभियोजन ने सवाल उठाया कि जमानत याचिका में बच्ची अथवा उसकी मां के हस्ताक्षर नहीं हैं.
वेबसाइट 'अलजजीरा' के मुताबिक इस मामले में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए बच्ची को दो सप्ताह तक सुधार गृह में रखने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था कि पुलिस जब तक पूरी जांच नहीं कर लेती और बच्ची पर आरोप लगाने अथवा नहीं लगाने के बारे में फैसला नहीं कर लेती तब तक उसे सुधार गृह में रखा जाए.
बच्ची के वकील ताहिर नवीद चौधरी ने अभियोजन पक्ष पर मामले को लटकाने का आरोप लगाया और कहा कि चिकित्सा रिपोर्ट में बच्ची को नाबालिग पाया गया और उसका आईक्यू स्तर पर कम है, ऐसे में वह ईशनिंदा कैसे कर सकती है.
ईशनिंदा कानून के तहत बच्ची को गिरफ्तार किए जाने के बाद देश और दुनियाभर में इसकी काफी आलोचना हुई है. मानवाधिकार संगठनों ने भी ऐसे कानून की निंदा की है.
उल्लेखनीय है कि बच्ची पर कुरान का अपमान करके उसकी एक प्रति में आग लगाने का आरोप है. बताया गया है कि बच्ची की दिमागी हालत ठीक नहीं है लेकिन उसके पास मिले कुरान के कुछ जले पन्नों को देख लोग भड़क गए और पुलिस पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया.
स्थानीय मीडिया की कुछ खबरों में यह भी कहा गया था कि बच्ची खाना बनाने के लिए रद्दी से कागज निकाल कर जला रही थी उसी वक्त कोई व्यक्ति आया और उसने उस पर कुरान के पन्नों को जलाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया.
बच्ची किस बीमारी से पीड़ित है इस बारे में अधिकारियों ने कुछ भी नहीं बताया है लेकिन कुछ खबरों में कहा गया है कि वह डाउंस सिंड्रोम नाम की बीमारी से पीड़ित है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून बहुत कड़ा है और समय-समय पर इसमें सुधार की मांग भी उठती रही है. इस कानून के तहत कुरान को अपवित्र करने के लिए उम्र कैद की सजा का प्रावधान है.
कुरान को अपवित्र करने के मामलों में यहां की भीड़ हिंसक होकर ईशनिंदा करने वाले को मार डालती है. इस कानून में बदलाव की मांग करने वाले नेताओं को अपनी मौत से इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है वह चाहे अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शहबाज भट्टी हों या फिर पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर.