भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कमान संभाल ली है और वह ऐसा करने वाली दूसरी महिला बन गई हैं.
इसके अलावा, ‘एक्सपीडिशन 32’ का तीन सदस्यीय दल चार माह से अधिक समय तक चला मिशन पूरा कर पृथ्वी पर सफलतापूर्वक लौट भी आया है.
तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर, रूस द्वारा निर्मित सोयूज कैप्सूल सोमवार सुबह कजाखिस्तान में उतर गया. इन यात्रियों ने अंतरिक्ष स्टेशन में 123 दिन बिताए.
अंतरिक्ष स्टेशन से सोयूज यान के अलग होने के बाद, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कमांडर गैनेडी पैडल्का से स्टेशन पर ‘एक्सपीडिशन 33’ की जिम्मेदारी ले ली.
विलियम्स अंतरिक्ष स्टेशन में वरिष्ठ अंतरिक्ष यात्री यूरी मालेचेन्को और जापानी अंतरिक्ष यात्री अकीहिको होशिदे के साथ अक्तूबर के मध्य तक रहेंगी.
अक्तूबर के मध्य में नासा के केविन फोर्ड सहित तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेंगे और एक्सपीडिशन 33 के अंतरिक्ष यात्री लौट जाएंगे.
उन्होंने कमान परिवर्तन समारोह के दौरान कहा, ‘मैं एक्सपीडिशन 32 के सहयोगियों का आभार व्यक्त करना चाहूंगी जिन्होंने हमें समझाया कि अंतरिक्ष में कैसे रहें और कैसे काम करें और हां, मनोरंजन भी.’
नासा के फ्लाइट इंजीनियर पैडल्का और रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर सर्जेई रेविन सोमवार सुबह कजाखिस्तान के अरकाल्यक के उत्तर में उतरे. यह लोग 17 मई को स्टेशन पहुंचे और 125 दिन अंतरिक्ष में बिताए, इनमें से 123 दिन इन्होंने कक्षा में मौजूद, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला में बिताए.
नासा के सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि पृथ्वी के माहौल के अनुरूप खुद को ढालने में उन्हें थोड़ी दिक्कत होगी, खास कर रेविन और असाबा को, जो अपने पहले लंबे अंतरिक्ष प्रवास के बाद लौटे हैं.
वापस लौटे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष एजेंसी नासा के फ्लाइट मेडिकल ऑफिसर स्टीव गिलमोरे तीन माह तक पुनर्वास कार्यक्रम चलाएंगे. उन्होंने कहा, ‘इसका उद्देश्य उनकी दिनचर्या को फिर से सामान्य बनाना है.’
असाबा, पैडल्का और रेविन ने पृथ्वी की कक्षा का 2,000 बार चक्कर लगाया और 52,906,428 मील की दूरी तय की.
अंतरिक्ष में सर्वाधिक दिन बिताने वालों की सूची में पैडल्का चौथे स्थान पर हैं. चार अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान उन्होंने 711 दिन अंतरिक्ष में बिताए.