कैरिबिया से कनाडा तक भीषण तबाही मचाने वाले तूफान सैंडी के गुजर जाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों को घनी आबादी वाले पूर्वी तट क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने और मलबे को साफ करने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इस विनाशकारी तूफान ने अमेरिका में 59 सहित हैती- कनाडा के क्षेत्रों में 120 से अधिक लोगों की जान ले ली.
यह तूफान पूर्वी तटीय क्षेत्र से शुरू होकर उत्तरी कोरोलीना से कनेक्टीकट तक फैल गया. इससे संचार के सारे माध्यम ठप पड़ गए और बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाले गए लाखों लोग बिजली न होने की वजह से ठिठुरते रहे.
इस भयंकर तूफान की चपेट में आए अमेरिकी राज्यों में से न्यूयार्क और न्यूजर्सी में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा.
सीबीएस की खबर के अनुसार एनवाईपीडी के एक अधिकारी सहित 24 लोगों की मौत हो गयी. इस अधिकारी की बाढ़ के पानी से लोगों को निकालते समय मौत हुई न्यूयार्क में इन मौतों के चलते 1888 के बाद पहली बार न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज को लगातार दो दिन तक बंद रखा गया.
इस तूफान के पीछे पसरी तबाही के कारण राष्ट्रपति ओबामा को इसे न्यूयार्क और न्यूजर्सी में एक ‘बड़ी आपदा’ घोषित करना पड़ा. इन दोनों राज्यों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी निवास करते हैं. न्यूजर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को पानी से घिरे अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा.
बचावकर्ताओं ने आज आसपास के इलाकों में मलबा साफ करने की मुहिम शुरू की जबकि अधिकारियों को लाखों घरों में बिजली आपूर्ति बहाल करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. अपने चुनावी अभियान को छोड़कर बचाव कार्यों की जिम्मेदारी उठाने वाले ओबामा ने इस संकट को ‘हृदयविदारक’ बताते हुए अमेरिकियों को आगाह किया, ‘तूफान अभी खत्म नहीं हुआ है.’
वॉशिंगटन स्थित अमेरिकन रेडक्रॉस के मुख्यालय जाकर राष्ट्रपति ने राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि संघीय सरकार सैंडी से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को संसाधन मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार, ओबामा स्थिति का जायजा लेने के लिए न्यूजर्सी जाएंगे.
राहत कार्यों की शुरूआत तो कल देर रात से ही हो गई थी लेकिन हजारों लोग शिविरों में इंतजार करते रहे. उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनके घर बचे भी हैं या नहीं. बिजली के बिना ठिठुर रहे लोगों की संख्या अब 70 लाख है, जो पहले करीब 80 लाख थी.
इस तूफान के कारण अमेरिका को करीब 15 से 20 अरब डालर का नुकसान होने की आशंका है. इसका अर्थ यह हुआ कि सैंडी अमेरिका के इतिहास में सबसे ज्यादा आर्थिक क्षति पहुंचाने वाली प्राकृतिक आपदा साबित होने जा रही है. इस बीच अमेरिका के तीन नाभिकीय संयंत्रों को बंद ही रखा गया. ऐसा भय था कि जापान के फुकुशिमा संयंत्र की तरह इनमें भी पानी भर सकता है लेकिन अधिकारियों ने कल जनता को बताया कि ऐसा कोई खतरा नहीं है.
सोमवार को सैंडी न्यूजर्सी की तटसीमा पर 80 मील प्रति घंटा की भीषण रफ्तार के साथ पहुंचा, जिससे न्यूयार्क सिटी में समुद्र का जलस्तर 13 फुट तक चढ़ गया. इसके चलते छह नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के प्रचार अभियान को एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया. अमेरिका के सात राज्यों न्यूयार्क, पेंसिलवेनिया, कनेक्टीकट, मैरीलैंड, उत्तरी कोरोलीना और पश्चिमी वर्जीनिया से मौतों की खबर है.
न्यूयार्क के महापौर एम ब्लूमबर्ग के अनुसार, वहां पर मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है. तूफान के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चैंबर को भी नुकसान पहुंचा. इस तूफान की वजह से सुरक्षा परिषद को विशेष बैठक के लिये अस्थायी ठिकाने पर पहुंचना पड़ा है. तूफान के बाद से ही संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय बंद है.