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UN में कश्मीर मुद्दे पर भिड़े भारत-पाक

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे पर भिड़ गए और विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने इस दावे को खारिज किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे पर भिड़ गए और विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने इस दावे को खारिज किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है.

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा शुरू हुआ वाक् युद्ध उस समय और आगे बढ़ गया, जब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के उप स्थाई प्रतिनिधि रजा बशीर तरार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर कभी भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं था.

पाकिस्तान के ‘जवाब देने के अधिकार’ का इस्तेमाल करते हुए तरार ने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह जरदारी के भाषण में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का हल निकालने की बात थी और वह ‘अवांछित’ नहीं था. इसे (संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को) भारत ने हमेशा ‘‘गैर जरूरी’’ कह कर अस्वीकार किया है.

पिछले वर्ष पाकिस्तान ने कश्मीर पर कोई भड़काउ बयान नहीं दिया था. पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार यही कहती रहीं कि पाकिस्तान कश्मीर समेत अन्य सभी लंबित मुद्दों को भारत के साथ मिलकर सुलझाना चाहता है.

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कृष्णा ने कहा, ‘मुझे उम्मीद नहीं थी कि जरदारी कश्मीर के संदर्भ में बोलेंगे और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान से उच्चतम स्तर पर मुद्दे का जिक्र किए जाने पर भारत की निश्चित तौर पर जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी स्थिति का उल्लेख करे.’ विदेश मंत्री कृष्णा की टिप्पणी ऐसे वक्त आई जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे पर उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर कभी भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं रहा है और कहा कि मुद्दे पर जरदारी का बयान ‘अवांछित’ नहीं था.

कृष्णा ने 193 सदस्यीय महासभा में अपने संबोधन में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के मंच से जम्मू कश्मीर को लेकर ‘‘अवांछित’’ टिप्पणी की गई थी. ‘हम यह पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.’ विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर पर उनकी टिप्पणी को सही परिप्रेक्ष्य में पढ़ा जाना चाहिए.

कृष्णा ने कहा कि उन्होंने जरदारी के भाषण का जवाब दिया था. ‘इसे :कश्मीर से संबंधित टिप्पणी: उस परिप्रेक्ष्य में देखें जिसमें यह उठी’ विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर को लेकर कुछ नया नहीं कहा.

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उन्होंने कहा, ‘भारत का दशकों से यही रुख है और मैंने उसी रुख को दोहराया, ताकि जरदारी ने महासभा में जो कहा, उस पर प्रतिक्रिया दी जा सके.’ कृष्णा ने यह भी कहा कि न तो उनकी ओर से और न ही जरदारी की ओर से बयानों के संबंध में ‘कुछ और’ समझे जाने की जरूरत है.

यह पूछे जाने पर कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दा उठने से क्या संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में किए गए दोनों देशों के प्रयासों पर असर पड़ेगा, कृष्णा ने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ अपनी वार्ता जारी रखेंगे और रोडमैप तैयार हो चुका है तथा हम रोडमैप पर बने रहने की कोशिश करेंगे और देखते हैं कि यह किस दिशा में बढ़ता है.’

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