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पाकिस्‍तान: पीएम अशरफ को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अदालती अवमानना के आरोप में प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अदालत ने उनसे कहा है कि 27 अगस्त को वह अदालत के समक्ष उपस्थित हों.

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राजा परवेज अशरफ
राजा परवेज अशरफ

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अदालती अवमानना के आरोप में प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अदालत ने उनसे कहा है कि 27 अगस्त को वह अदालत के समक्ष उपस्थित होकर इसका स्पष्टीकरण दें कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की समीक्षा करने संबंधी आदेश पर उन्होंने अमल क्यों नहीं किया.

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न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ ने आज संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत प्रधानमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया. यह अनुच्छेद अदालती अवमानना से जुड़ा है.

पाकिस्तान की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि प्रधानमंत्री को अदालत के आदेश का पालन करना चाहिए और राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने के लिए स्विस सरकार से संपर्क करना चाहिए. न्यायमूर्ति खोसा की ओर से टिप्पणी की गई कि अगर 27 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई तक मामले में प्रगति होती है तो अच्छा होगा, वरना सुप्रीम कोर्ट खुद कार्रवाई करेगा.

पीठ ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने के आदेश को बार बार और जानबूझकर नजरअंदाज किया है. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इसी तरह का आदेश जारी किया था और इस पर अमल नहीं करने के कारण यूसुफ रजा गिलानी को अदालती अवमानना का दोषी करार दिया गया था. उसी के बाद गिलानी को प्रधानमंत्री पद से विदा होना पड़ा था.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिलानी ने जानबूझकर अदालती आदेशों का उल्लंघन किया और स्विस सरकार से लिखित तौर पर कोई संपर्क नहीं किया, जिस कारण उन्हें अयोग्य ठहराया गया. पीठ ने कहा कि अशरफ भी गिलानी की तरह काम कर रहे हैं. एटार्नी जनरल इरफान कादिर ने अदालत से अधिक समय मांगा और कहा कि मामले की संवेदशीलता को देखते हुए सुनवाई सितंबर के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कादिर के आग्रह को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें उचित समय दिया जा चुका है. इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में सरकार ने एक याचिका दायर कर अदालती अवमानना कानून को रद्द किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा की मांग की है. इस कानून में शीर्ष नेताओं को अदालती अवमानना से मुक्त रखने का प्रावधान किया गया था. सरकार के वकील अब्दुल शकूर पराचा ने संवाददाताओं से कहा कि अपील आज सुबह दायर की गई.

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