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मोदी के गुजरात से रिश्ता बहाल करेगा ब्रिटेन

ब्रिटेन की सरकार ने नरेंद्र मोदी का एक दशक तक बहिष्कार करने के बाद अपनी नीति में बदलाव करने का फैसला किया है. ब्रिटेन ने कहा है कि वह गुजरात के साथ रिश्तों को बहाल करेगा. मोदी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि ‘देर आए, दुरूस्त आए’.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

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ब्रिटेन की सरकार ने नरेंद्र मोदी का एक दशक तक बहिष्कार करने के बाद अपनी नीति में बदलाव करने का फैसला किया है. ब्रिटेन ने कहा है कि वह गुजरात के साथ रिश्तों को बहाल करेगा. मोदी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि ‘देर आए, दुरूस्त आए’.

ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने भारत में अपने उच्चायुक्त जेम्स बेवेन से कहा है कि वह गुजरात का दौरा कर तथा मोदी एवं दूसरे प्रमुख लोगों से मुलाकात कर परस्पर हितों से जुड़े व्यापक मुद्दों पर चर्चा करें.


मोदी ने कहा, ‘देर आए दुरूस्त आए'

ब्रिटेन के इस कदम पर मोदी ने ट्विटर पर कहा, ‘भारतीय प्रवासियों, विशेष तौर पर दुनिया के सभी हिस्सों एवं लंदन में रहने वाले गुजरातियों की ओर से गौरवान्वित करने वाले और खुशी के संदेश मिल रहे हैं. आपका स्नेह के लिए धन्यवाद.’ उन्होंने कहा, ‘देर आए दुरूस्त आए. गुजरात के साथ सक्रिय और मजबूत रिश्ते के लिए उठाए गए इस कदम का स्वागत करते हैं.’
इससे पहले ब्रिटिश विदेश मंत्रालय में उप मंत्री ह्यूगो स्विरे ने एक बयान में कहा, ‘इससे (उच्चायुक्त के दौरा करने) परस्पर हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने और निकट सहयोग के लिए संभावनाओं को खंगालने में मदद मिलेगी. इसी क्रम में ब्रिटिश सरकार भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने पर जोर देगी.'

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भारत मामलों के प्रभारी स्विरे ने कहा, ‘गुजरात में ब्रिटेन के व्यापक हित हैं. वह 2002 में मारे गए ब्रिटिश नागरिकों के परिजनों के लिए न्याय चाहता है. हम राज्य में मानवाधिकार और सुशासन को समर्थन देना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम गुजरात में रहने, काम करने और दौरा करने वाले ब्रिटिश नागरिकों को पूरी मदद देना चाहते है. हम ब्रिटेन में एक सफल और बहुमुखी समुदाय बन चुके गुजरातियों का सहयोग भी करना चाहते हैं.’

स्विरे ने कहा, ‘हम ब्रिटिश उच्चायोग के दौरे पर इस संदर्भ में विचार करेंगे कि गुजरात के साथ रिश्ते को कैसे बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ाया जा सकता है.’ ब्रिटिश सरकार का यह कदम अपनी पुरानी नीति में बदलाव है. 2002 के बाद ब्रिटेन ने गुजरात के साथ सक्रिय संबंध नहीं रखने का फैसला किया था. 2003 के बाद से मोदी ने ब्रिटेन का दौरा भी नहीं किया.

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