ईरान ने अपने यहां सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को 'राजनीति से प्रेरित', 'पक्षपातपूर्ण' तथा 'बिना कानूनी आधार' के बताया है.
ईरान में मानवाधिकारों की स्थिति का आकलन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक अहमद शहीद ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईरान देश के भीतर मीडिया और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की स्वतंत्रता लगातार सीमित कर रहा है. उसने बहुत से कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर उनके साथ बुरा सलूक किया है.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि इसमें ईरान के प्रति पश्चिम की शत्रुता झलकती है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "अहमद शहीद की रिपोर्ट में ऐसे दावे किए गए हैं, जिन्हें ईरान ने कई बार खारिज किया है। इसके अतिरिक्त उनके दावे ईरान के शत्रुओं के विवरण पर आधारित हैं. यह अप्रमाणित रिपोर्ट है, जो देश की जमीनी हकीकत नहीं दर्शाती."
यूरेनियम संवर्धन आउटसोर्स करने पर विचार करेगा ईरान
ईरान का कहना है कि यदि तेहरान स्थित उसके रिसर्च रिएक्टर के लिए ईंधन आपूर्ति की ठोस गारंटी दी जाए, तो वह इसके लिए यूरेनियम संवर्धन का काम किसी दूसरे देश को सौंपने पर विचार कर सकता है.
ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रमिन मेहमान परस्त ने कजाकिस्तान में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यदि तेहरान रिसर्च रिएक्टर के लिए 20 प्रतिशत ईंधन आपूर्ति की ठोस गारंटी दी जाए, तो हमारे अधिकारी 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन आउटसोर्स करने पर बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि तेहरान अपने संवर्धन कार्यक्रम को चालू रखने के अधिकार संरक्षित रखेगा.
सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य- रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और एक अन्य देश जर्मनी- ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देने पर काम कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए वे ईरान से अपने देश में यूरेनियम संवर्धन पर रोक लगाने के लिए कह रहे हैं.
इस पर समझौता अमेरिका में छह नवम्बर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के बाद हो सकता है.