इंटरनेट की आजादी के प्रति पूर्ण समर्थन जताते हुए अमेरिका ने भारत से अपील की है कि दक्षिणी राज्यों से पूर्वोत्तर के लोगों के बड़ी संख्या में प्रस्थान करने के कारण बने अफवाहों की जांच में सरकार मूलभूत आजादी का सम्मान करे.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "अमेरिका ने यह रिपोर्ट देखी है कि पूर्वोत्तर के लोग दक्षिणी राज्यों के शहरों से वापस लौट रहे हैं. अमेरिका ने यह भी रिपोर्ट देखी है कि वे लोग सुरक्षा की चिंता के कारण वापस लौट रहे हैं." संवाददाताओं ने उनसे भारत द्वारा कथित घृणात्मक प्रचार फैलाने वाले वेबसाइटों को रोक लगाने के कदम पर टिप्पणी के लिए पूछा था.
उन्होंने कहा, "जहां तक इंटरनेट की आजादी के बड़े मुद्दे का सवाल है, तो आपको यह पता है कि हमारी सोच क्या है. हम हमेशा इंटरनेट को पूरी आजादी के पक्षधर हैं." उन्होंने कहा, "भारत सरकार सुरक्षा के लिए इस तरह की घटनाओं की लगातार जांच करती रहती है और हम हमेशा सरकार से अपील करते हैं कि वह मानवाधिकार, मौलिक आजादी और कानून के शासन के प्रति अपनी वचनबद्धता बनाए रखें."
संवाददाताओं ने उसी समय इंटरनेट को पूरी आजादी के अमेरिकी सोच के प्रसंग में विकिलीक्स के प्रति उनके नजरिए के बारे में भी पूछ लिया. नूलैंड ने कहा, "विकिलीक्स का सम्बंध इंटरनेट की आजादी से नहीं था."
उन्होंने कहा, "अमेरिका ने न तो भारत सरकार को जांच करने लिए कहा, न ही अमेरिका इस जांच में भारत के साथ है. भारत सरकार ने खुद ही अफवाह के कुछ स्रोतों की जांच का आदेश दिया है." उन्होंने कहा, "इसलिए हम यह देख रहे हैं कि यह प्रक्रिया कैसे पूरी की जाती है."
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी सरकार गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी अमेरिकी कम्पनियों को गलत सूचना के स्रोत का पता लगाने के भारत सरकार के दिशानिर्देश का पालन करने के लिए कहेगी, नूलैंड ने कहा कि वह यह नहीं बता सकती कि इन कम्पनियों की भारत सरकार के साथ क्या बातचीत हुई है.