मुस्लिम जगत में लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने गूगल के स्वामित्व वाली यूट्यूब कंपनी से कहा कि वह इस्लाम धर्म के लिये अपमानजनक मानी जा रही विवादास्पद फिल्म 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' को लगातार अपलोड किये जाने की समीक्षा करे.
पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीकी देशों में अमेरिका विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर ओबामा प्रशासन ने यूट्यूब से कहा कि वह इस बात की समीक्षा करे कि क्या यह वीडियो शर्तों का पालन करता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता टॉमी विटोर ने कहा कि हमने यूट्यूब से इस वीडियो के बारे में बताया है और कहा कि वह इस बात की समीक्षा करे कि कहीं यह शर्तों का उल्लंघन तो नहीं करता है.
इस बीच अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि इस कदम का मकसद विवादास्पद वीडियो को ब्लॉक करना नहीं है. अमेरिका ने ठीक इसी समय अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराई और इस वीडियो को प्रतिबंधित करने या ब्लॉक करने के लिये कोई भी कदम उठाने से इनकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि इस वीडियो को लेकर भारत, पाकिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.