मलेशिया की एक कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि ईश्वर के बारे में बात करते समय अल्लाह शब्द का इस्तेमाल सिर्फ मुसलमान ही कर सकते हैं. कोर्ट ने एक कैथलिक इसाई पब्लिकेशन द्वारा इस शब्द के इस्तेमाल को गलत बताते हुए यह कहा. पब्लिकेशन सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ कोर्ट गया था.
अपने 100 पेज के फैसले के खास अंश पढ़ते हुए जस्टिस मोहम्मद अपांदी ने कहा कि हमारी समझ यही कहती है कि इसाई धार्मिक मान्यताओं में ईश्वर के बारे में बात करते समय अल्लाह शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जजों ने यह भी कहा कि अगर गैर मुस्लिमों को अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की इजाजत दे दी गई, तो लोगों के बीच दुविधा बढ़ जाएगी और शांति भंग भी हो सकती है.
पांच साल से चल रहा अल्लाह शब्द के इस्तेमाल पर विवाद
यह मसला 2008 में शुरू हुआ था. एक कैथलिक पब्लिकेशन द हेराल्ड ने अपनी एक प्रचार सामग्री में अल्लाह शब्द का इस्तेमाल किया था. सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके खिलाफ चर्च ने कोर्ट में अपील दाखिल की. दिसंबर 2009 में कुआलालंपुर हाई कोर्ट ने सरकार के प्रतिबंध को खारिज कर दिया. कोर्ट का तर्क था कि कैथलिक पब्लिकेशन को यह संवैधानिक अधिकार है कि वह शांतिपूर्ण कामों के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल कर सके.कोर्ट के इस फैसले के बाद मलेशिया के कट्टरपंथी इस्लामिक गुटों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे.