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रात को जागता हूं कि कहीं सुबह तक बच्चे ठंड से जमकर मर न जाएं- सीरिया के पिता की रुला देने वाली दास्तां

सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर इदलिब की स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है. हाल ही में वहां खुब बर्फबारी हुई जिससे लोगों के टेंट तबाह हो गए. लोगों के पास अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कुछ नहीं है. उनके पास अपने बच्चों को खिलाने के लिए खाना तक नहीं है.

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इदलिब में ठंड की स्थिति गंभीर है (Photo- Reuters)
इदलिब में ठंड की स्थिति गंभीर है (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीरिया के इदलिब में और मुश्किल हुई जिंदगी
  • ठंड ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें
  • लोगों के पास बच्चों को ठंड के बचाने का नहीं कोई उपाय

सीरिया का शहर इदलिब दुनिया का सबसे खतरनाक इलाका माना जाता है. इस इलाके में विद्रोहियों का कब्जा है और यहां हमले होना आम बात है. कड़ाके की सर्दियों ने यहां रहने वाले लोगों का जीना और दूभर कर दिया है. यासिर बैरी जो 7 बच्चों के पिता हैं, इसलिए रात में जागते रहते हैं कि कहीं उनके बच्चे ठंड से मर न जाएं. वो रात भर जागकर बच्चों की निगरानी करते हैं.

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तुर्की और सीरिया की सीमा पर स्थित इदलिब में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों जिन्हें IDP कहा जाता है, उनके तंबू नष्ट हो गए. पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके में भारी बर्फबारी और बारिश हुए जिस कारण सभी टेंट तबाह हो गए.

अब वहां रहने वाले लोगों के सिर पर खुला आसमान रह गया है. वो धीरे-धीरे अपने टेंट बना रहे हैं. परिवार दिन में प्लास्टिक और गत्ते जमा करते हैं ताकि वे रात में अलाव जला सकें जिससे थोड़ी गर्माहट मिले.

बशर अल-असद सरकार द्वारा लगातार हमलों के कारण अपने गृहनगर हमा से विस्थापित हुए यासिर बैरी बताते हैं, 'अभी हमारे पास तम्बू को गर्म करने के लिए स्टोव या जलाने के लिए कुछ भी नहीं है. हम कचरे से पुराने जूते और प्लास्टिक जमा कर उन्हें जलाते हैं ताकि बच्चों को ठंड से बचा सकें.'

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यासिर बैरी के परिवार में 12 लोग हैं और उनके पास खाने-पीने को भी कुछ नहीं है. वो कहते हैं, 'अगर मैं दे सकता तो मैं उन्हें खाने के लिए अपने दिल का एक टुकड़ा देता लेकिन मैं ये नहीं कर सकता. मुझे नौकरी नहीं मिल रही है. हम मासिक सहायता पर रहते हैं.'

शिविर के एक अन्य निवासी हुसैन नासिर ने कहा कि वो अपने बच्चे के लिए खाना पकाने और तम्बू को गर्म रखने के लिए गैस सिलेंडर का उपयोग करते हैं. असद की आंखें कमजोर हैं, वो काम नहीं कर सकते.

वो बताते हैं, 'मैं काम नहीं कर सकता. मेरी पत्नी एक दिन में सात तुर्की लीरा (38 रुपये) के लिए खेतों में काम करती है. मुझे कुछ नहीं चाहिए... मैं बस एक घर और एक स्टोव चाहता हूं ताकि अपने बच्चे को ठंड से बचा सकूं.'

2011 की शुरुआत में सीरिया में गृहयुद्ध शुरू हुआ जिसने उसे तबाह कर दिया है. बशर अल-असद की सरकार ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसी जिसके बाद इसकी शुरुआत हुई.

इदलिब के इस क्षेत्र को तुर्की और रूस के बीच एक समझौते के तहत बनाया गया था. इस क्षेत्र को लेकर कई संघर्ष विराम समझौते होते रहे हैं लेकिन असद सरकार और उनके सहयोगी अक्सर इस संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हैं.

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इदलिब में लोगों की स्थिति तब और खराब हो गई जब रूस और ईरान द्वारा समर्थित सीरिया की असद सरकार ने शहर पर हमले शुरू कर दिए. इस कारण क्षेत्र से बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ. 

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