पाकिस्तान खुद अपने ही हाथों अपनी फजीहत करा बैठता है. नई घटना पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ अमेरिका में हुई है. दरअसल, हाल ही में बिलावल भुट्टो अमेरिका पहुंचे थे, वहां करीब एक सप्ताह रुके भी. उसके बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उनसे मुलाकात नहीं की. हालांकि, अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन से पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की मुलाकात जरूर हुई. दोनों ने इस दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों को लेकर बातचीत की.
चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन अमेरिका में ही थे, उन्होंने पनामा के विदेश मंत्री से इस दौरान मुलाकात भी की, लेकिन जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से मुलाकात की बात आई तो उन्होंने फोन पर बात करके ही काम चला लिया. अमेरिकी विदेश मंत्री से बिना मुलाकात करे ही बिलावल भुट्टो अपने वतन वापस लौट गए.
अमेरिका में एक सप्ताह रहकर भी भुट्टो से एंटनी ब्लिंकन का न मिलना पाकिस्तान के लिए काफी शर्मनाक बताया जा रहा है. पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने इस मामले में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की मिसाल भी दी है.
पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो एक सप्ताह के लिए न्यूयॉर्क गए, वहां उन्होंने मीटिंग अटेंड की. ऐसे में अगर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन से मुलाकात नहीं फिक्स हो पाई थी, उन्हें राजधानी वॉशिंगटन डीसी जाना क्यों जरूरी था.
एक सप्ताह अमेरिका में रहे, तब भी मुलाकात नहीं
पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने आगे कहा कि हमेशा अपने आप को हम इतना क्यों गिरा देते हैं? अगर आपकी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात तक नहीं हो पा रही थी तो फिर फायदा क्या हुआ. ऐसी बात भी नहीं थी कि ब्लिंकन वहां मौजूद नहीं थे. वो अमेरिका में ही थे और उसके बावजूद बिलावल भुट्टो से मुलाकात तक नहीं की. जबकि बिलावल एक सप्ताह तक अमेरिका में थे, इसलिए समय की भी कोई कमी नहीं थी.
अब्दुल बासित ने आगे कहा कि पाकिस्तान की ओर से जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें बताया गया कि बिलावल और एंटनी के बीच बातचीत हुई. हालांकि, यह कैसे हुआ, फोन पर या सीधे मुलाकात में, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. ये इसलिए किया गया ताकि लोगों को यह लगे कि अमेरिका में बिलावल की एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात हुई है.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ
वहीं अब्दुल बासित ने आगे कहा कि जब मुलाकात ही नहीं होनी थी तो वहां जाने की जरूरत ही क्या थी. बासित ने कहा कि बस आप( बिलावल भुट्टो) न्यूयॉर्क चले जाते और वापस आ जाते, जैसे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया था.
अब्दुल बासित ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री न्यूयॉर्क गए और वहां से यूएन की मीटिंग अटेंड करके वापस आ गए. उन्होंने कहा कि आप हैसियत से बिलावल भुट्टो बनकर नहीं बल्कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बनकर गए थे. आपका वहां जाना आपके लिए नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान के लिए जरूरी था. बासित ने कहा कि ऐसा भी नहीं था कि बिलावल भुट्टो की मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री से अभी तक एक भी बार ना हुई हो, वह पहले भी मिल चुके हैं तो ऐसे में ये मुलाकात इतनी जरूरी भी नहीं थी.