अमेरिका के अरकांसस में गर्भपात की याद में एक मॉन्यूमेंट बनने जा रहा है. अरकांसस के गवर्नर सारा हुकाबी सैंडर्स ने सोमवार को अबॉर्ट किए गए भ्रूणों के स्मारक को मंजूरी दे दी. एक रिपोर्ट में कहा गया कि सैंडर्स द्वारा हस्ताक्षरित बिल राज्य के कैपिटल ग्राउंड के पास "अजन्मे के लिए स्मारक" के निर्माण की अनुमति देता है. द इंडिपेंडेंट ने बताया कि एंटी अबॉर्शन ग्रुप और कैपिटल आर्ट्स एंड ग्राउंड्स कमीशन कलाकारों का चयन करेंगे और वे निजी तौर पर स्मारक का डिजाइन देखेंगे.
बिल का दावा है कि महिलाओं को 1973 में यूनाइटेड स्टेट की सुप्रीम कोर्ट ने 'रो बनाम वेड' मामले से गर्भपात की संवैधानिक सुरक्षा को मंजूरी दे दी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि इस अवधि के दौरान 2.5 लाख से ज्यादा गर्भपात किए गए. इसके बाद अरकांसस ने 2019 में लगभग सभी गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को मंजूरी दी थी, जो पिछले साल तब प्रभावी हुआ जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 1973 के 'रो बनाम वेड' के फैसले को खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है. हमारी तरफ से ‘रो वी वेड’ केस को खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने नियम-कानून बना सकते हैं. यह भी कहा गया कि अरकंसास का प्रतिबंध केवल मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में मां के जीवन को बचाने के लिए गर्भपात की अनुमति रहेगी.
हालांकि इस फैसले के बाद विरोध शुरू हो गया था. अमेरिका के कई राज्यों में 'गर्भपात कानून' के विरोध में गर्भपात अधिकार के समर्थकों और हजारों महिलाओं ने रैलियां निकाली थीं. व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद कैपिटल हिल के सामने प्रदर्शन किए गए थे.
व्योमिंग सबसे पहले गर्भपात बैन
अमेरिका के व्योमिंग राज्य में अब कोई भी महिला अपना गर्भपात नहीं करवा पाएगी, क्योंकि यहां के गवर्नर मार्क गॉर्डन ने राज्य में गर्भपात की गोलियों पर रोक लगाने वाले बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. व्योमिंग गर्भपात की गोलियों पर स्पष्ट प्रतिबंध लगाने वाला भी पहला अमेरिकी राज्य बन गया है.
क्या था 'रो बनाम वेड' केस
रो बना वेड केस में नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की महिला के दो बच्चे थे और तीसरा आने वाला था. लेकिन मैककॉर्वी वो तीसरा बच्चा नहीं चाहती थीं, ऐसे में उन्होंने अमेरिका के फेडरल कोर्ट का रुख किया था. लेकिन तब फेडरल कोर्ट ने उन्हें गर्भपात की इजाजत नहीं दी.
इस फैसले के ठीक दो साल बाद मैककॉर्वी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. फिर सुप्रीम कोर्ट ने ही उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें गर्भपात की इजाजत दे दी थी. तब कोर्ट ने कहा था कि गर्भ का क्या करना है, ये फैसला महिला का होना चाहिए. इस एक फैसले के बाद ही अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था.