यमन में फंसे भारतीयों से सुरक्षित निकाले जाने का सिलसिला जारी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि यमन से भारतीयों को बचाने के लिए तैनात INS सुमित्रा बुधवार दोपहर तक यात्रियों को लेकर जिबूती पहुंच जाएगा. जिबूती से भारतीयों को अपने देश लाया जाएगा.
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यमन से लौट रहे लोगों को सुरक्षित उनके ठिकानों तक पहुंचाने के इंतजाम किए जा रहे हैं.
इससे पहले, यमन के अदन शहर से भारतीय नौसेना के जहाज पर करीब 350 भारतीयों को मंगलवार देर रात निकाला गया. यह जहाज इन लोगों को यमन के पड़ोसी देश जिबूती लेकर जाएगा.
यमन में बढ़ती हिंसा के बीच अंधेरी रात में इस अभियान को अंजाम दिया गया. रक्षा सूत्रों ने बताया, 'आईएनएस सुमित्रा अदन पत्तन से निकल चुका है और इस पर करीब 350 भारतीय सवार हैं.' इससे पहले भारत को मंगलवार रात अदन से करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए अदन पत्तन पर अपना जहाज खड़ा करने की मंजूरी मिल गई थी. सरकार ने संघर्ष प्रभावित यमन में फंसे 4000 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए बड़ा हवाई और समुद्री अभियान छेड़ा है.
दो यात्री जहाजों के अलावा दो युद्धपोतों को सेवा में लगाया गया, वहीं भारतीय वायु सेना ने दो सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा है. एयर इंडिया ने यमन की राजधानी सना से भारतीयों को जिबूती पहुंचाने के लिए मस्कट में 180 सीट वाले दो एयरबस A320 विमानों को तैयार रखा है. संबंधित अधिकारियों की मंजूरी मिलते ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा.
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई और रडार की पहुंच से बाहर रहने वाला आईएनएस तर्कश शनिवार तक यमन पहुंचेंगे. कवारती और कोरल नाम के दो व्यापारी जहाज भी रवाना किए गए हैं. चारों जहाज दो अप्रैल को अरब सागर में मिलेंगे और एक साथ जिबूती की तरफ बढ़ेंगे.
एयर इंडिया ने मंगलवार को 180 सीटों वाले दो विमान रवाना किए थे, जो अधिकारियों की मंजूरी के इंतजार में ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे हुए हैं. विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह भारतीयों को संघर्ष प्रभावित यमन से निकालने के ‘ऑपरेशन राहत’ पर नजर रखने के लिए यमन के पड़ोसी देश जिबूती के लिए रवाना हो गए. भारत ने उक्त अभियान के तहत अपने कुल पांच जहाजों और चार विमानों को तैनात किया है.
सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन बलों ने यमन में छठे दिन शिया विद्रोहियों पर हवाई हमले कर उनकी मिसाइलों और हथियारों के भंडार नष्ट कर दिए. बलों ने पहली बार विद्रोहियों के कब्जे वाले हवाई अड्डे और अदन के पूर्वी बाहरी इलाके में बमबारी के लिए युद्धपोतों का इस्तेमाल किया.
- इनपुट भाषा