सोशल एक्टिविस्ट संदीप पांडे ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर अमेरिका के रुख के विरोध में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (UC) बर्कले को अपनी पीएचडी की डिग्री वापस लौटा दी है. इससे पहले उन्होंने अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाते हुए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी. उनका कहना है कि अमेरिका युद्ध खत्म करने में मध्यस्थता कर सकता है, लेकिन उसने आंखे मूंदकर इजरायल का सैन्य समर्थन कर रखा है.
गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में संयुक्त राज्य अमेरिका के रुख के विरोध में संदीप पांडे ने आधिकारिक तौर पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (UC), बर्कले को अपनी पीएचडी की डिग्री वापस लौटा दी है. उन्होंने इस मुद्दे पर सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी को अपनी एमएससी की दोहरी डिग्री भी लौटा दी हैं.
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार लौटाने की थी घोषणा
साथ ही पांडे ने दोनों विश्वविद्यालयों से सभी रिकॉर्ड से अपना नाम हटाने का अनुरोध किया है. इससे पहले उन्होंने गाजा में इजरायली हमले में अमेरिका का भूमिका के विरोध में प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी.
'अमेरिका कर सकता है संघर्ष विराम'
अपनी डिग्री लौटाने की घोषणा करते हुए संदीप पांडे ने दोनों विश्वविद्यालयों को लिखे गए दो पत्रों में कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध में अमेरिका की भूमिका निंदनीय है. मेरा मानना है कि अमेरिका युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है. और फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिलाकर समस्या का स्थायी समाधान ढूंढ सकता था, लेकिन इसके बजाय उसने आंख मूंदकर इजरायल का सैन्य समर्थन करना जारी रखा है. जिनसे फिलिस्तीनियों पर हमलों से बच्चों सहित हजारों निर्दोष लोगों की हत्या हुई है.
उन्होंने कहा, उसकी इस भूमिका से ये विश्वास करना मुश्किल है कि अमेरिका लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए खड़ा है.
वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजा में इजरायल के हमले में 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. सोमवार को अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संघर्ष विराम को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया. इस प्रस्ताव में गाजा में बंधक बनाए गए सभी बंधकों की रिहाई की मांग की गई है, लेकिन इस पर संघर्ष विराम की स्थिति को साफ नहीं किया गया है. बता दें कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के संघर्ष विराम वाले पिछले प्रस्तावों पर वीटो कर दी थी.