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महिलाओं पर पाबंदी के बाद अब पुरुषों की नौकरी के पीछे पड़ा Taliban

तालिबान ने पुरुषों के लिए नया फरमान जारी किया है. तालिबान ने बिना दाढ़ी वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्देश दिया है. तालिबान का ये भी निर्देश है कि जो कर्मचारी स्थानीय ढीला-ढाला कुर्ता-पजामा पहनकर ऑफिस नहीं आ रहे, उन्हें ऑफिस में प्रवेश से रोका जाए.

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तालिबान ने पुरुषों के लिए नया फरमान जारी किया है (Photo- Reuters)
तालिबान ने पुरुषों के लिए नया फरमान जारी किया है (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान ने पुरुषों के लिए जारी किया नया फरमान
  • दाढ़ी नहीं रखने पर जाएगी सरकारी नौकरी
  • ड्रेस कोड का पालन नहीं करने पर भी नौकरी से निकाले जाएंगे लोग

महिलाओं को शिक्षा से वंचित करने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान अब पुरुषों के लिए नया फरमान लेकर आया है. तालिबान ने कहा है कि जो सरकारी कर्मचारी दाढ़ी नहीं रखेंगे उन्हें नौकरी ने निकाल दिया जाएगा. तालिबान ने ड्रेस कोड को लेकर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि कर्मचारी अगर ड्रेस कोड का पालन नहीं करते हैं तो भी उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा.

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तालिबान से संबंधित सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी है. सूत्रों ने कहा कि पुण्य का प्रचार और बुराई रोकने वाले मंत्रालय के प्रतिनिधि सोमवार को सरकारी कार्यालयों के बाहर गश्त कर रहे थे. वो इस बात की जांच कर रहे थे कि कर्मचारी नए नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं.

मंत्रालय की तरफ से कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी दाढ़ी न मुंडवाएं. उन्हें बताया गया है कि वो लंबा, ढीला-ढाला कुर्ता-पजामा और टोपी या पगड़ी पहनें. दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि प्रतिनिधियों को ये सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया था कि कर्मचारी सही समय पर नमाज अदा करें.

सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों से कहा गया है कि अगर वे सही ड्रेस कोड पहनकर नहीं आते हैं तो उन्हें ऑफिस में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा और नौकरी से भी निकाला जा सकता है. मंत्रालय के एक प्रवक्ता से जब इस बारे में जवाब मांगा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. 

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पिछले हफ्ते ही तालिबान ने महिलाओं के लिए कई विवादित फैसले किए थे. तालिबान ने बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के महिलाओं की हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था. तालिबान ने कहा था कि किसी महिला को देश या देश से बाहर हवाई यात्रा करने के लिए किसी पुरुष रिश्तेदार के साथ की आवश्यकता होगी.

तालिबान ने लड़कियों को स्कूल जाने से भी रोक दिया है. तालिबान ने वादा किया था कि वो लड़कियों के लिए जल्द ही हाई स्कूल खोल देगा लेकिन स्कूल खोलने के दिन ही उसने अपना फैसला बदल दिया. तालिबान के इस फैसले की काफी आलोचना हुई है. 

तालिबान का कहना है कि वे इस्लामी कानून और अफगान रीति-रिवाजों के अनुरूप सभी के अधिकारों का सम्मान करेंगे. वो ये भी कहता रहा है कि वो 1996-2001 के समय का कट्टर तालिबान नहीं है. इस दौरान तालिबान ने महिलाओं को अकेले घर से निकलने पर रोक लगा दी थी और पुरुषों को भी लंबी दाढ़ी रखने के लिए मजबूर किया था. तालिबान अब भी यही कर रहा है और अपने पुराने सभी वादे तोड़ता जा रहा है. 

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