अफगानिस्तान सरकार की सुरक्षा एजेंसियों और विद्रोही तालिबान के बीच अनवरत युद्ध जारी है. इसी बीच एक ऐसे अफगान सैनिक की खबर सामने आई है जिसने तालिबान के सामने लगभग अठारह घंटे की लड़ाई लड़ी है. अफगान सिक्योरिटी फोर्स के जांबाज लड़ाके अहमद शाह के सामने तालिबानी लड़ाके थे, लेकिन अकेले होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 18 घंटों के लिए तब तक मोर्चा संभाले रहे जब तक कि उन्हें रेस्क्यू कराने दूसरा सैन्य दल नहीं आ गया.
अहमद शाह अन्य 14 पुलिसकर्मियों के साथ कंधार शहर के बाहर चेकपॉइंट पर तैनात थे. तभी उनपर तालिबान का हमला हुआ. अहमद शाह घायल हो गए लेकिन उन्होंने तालिबान के आगे सरेंडर नहीं किया. और लगातार 18 घंटे तक मैदान में टिके रहे. इसके बाद उन्हें रेस्क्यू कराने के लिए एक सैन्य दल पहुंचा. फिलहाल उनकी हालत ठीक है.
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टोलो न्यूज के अनुसार अहमद शाह ने तालिबान के साथ अपनी मुठभेड़ के बारे में बताते हुए कहा है ''मैंने सरेंडर नहीं किया, मैंने अपने हथियार नहीं डाले. मैं वापस लड़ा.''
अहमद शाह ने बताया कि तालिबान अपने आक्रमण की झूठी खबरें फैलाकर अफगानी सेना का मनोबल तोड़ना चाहता है. अहमद शाह ने टोलो न्यूज को बताया ''हमारा शत्रु कमजोर है. वो हमें अपने झूठे प्रचार से डराना चाहता है. मैंने ये सीखा कि किसी को भी अपने शत्रु से डरना नहीं चाहिए.''
अफगान फोर्स के एक अन्य सदस्य फजल मोहम्मद दाउदजे (Fazel Mohammad Daudzai) ने टोलो न्यूज से कहा ''अफगान एक संप्रभु देश है. इसकी अपनी एक स्वतन्त्र सेना है. और संप्रभु व्यवस्था है. इसका अपना एक संविधान है. हम इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के संरक्षक हैं.
आपको बता दें कि दो हफ्ते पहले कंधार शहर पर तालिबान ने आक्रमण कर दिया था. इसके बदले अफगानी नेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस फोर्स (The Afghan National Security and Defense Forces) ने भी एंटी तालिबान ऑपरेशन शुरू कर दिया है.