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अफगानिस्तानः शिया नेता की बरसी पर काबुल में आत्मघाती हमला, 7 मरे

आंतरिक मंत्रालय के डिप्टी प्रवक्ता नसरत राहिमी ने बताया, शिया हजारा कम्यूनिटी के पूर्व नेता अब्दुल अली माजरी की बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह घटना हुई. कार्यक्रम में दाखिल होने की कोशिश करते हुए एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया. बता दें कि तालिबान ने 1995 में माजरी की हत्या कर दी थी. 

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काबुल
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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक शिया मस्जिद के समीप हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई जबकि सात अन्य घायल हो गए. हमले के बाद अपने फेसबुक पर आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया, हमले में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि इतने ही लोग घायल हो गए.

आंतरिक मंत्रालय के डिप्टी प्रवक्ता नसरत राहिमी ने बताया, शिया हजारा कम्यूनिटी के पूर्व नेता अब्दुल अली माजरी की बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह घटना हुई. कार्यक्रम में दाखिल होने की कोशिश करते हुए एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया. बता दें कि तालिबान ने 1995 में माजरी की हत्या कर दी थी.

स्थानीय टोलो न्यूज के मुताबकि काबुल के मोसल्ला-ए-माजरी के इलाके में यह विस्फोट हुआ. हालांकि अभी तक इस हमले की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन काबुल शहर हाल के महीनों में तालिबान और आईएसआईएस के निशाने पर रहा है.

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इस जनवरी में, एक तालिबान हमलावर ने काबुल के बीचों बीच एक एंबुलेंस के जरिये विस्फोट को अंजाम दिया था, जिसमें 103 लोगों की मौत हो गई थी. हमले में करीब 253 लोग घायल हो गए थे. इसके एक दिन बाद काबुल में ही सैन्य अकादमी पर हुए हमले में 11 जवानों की मौत हो गई थी.

इसी तरह पिछले साल दिसंबर में एक शिया सांस्कृतिक केंद्र पर हुए हमले में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली थी. इसी तरह दो अलग-अलग मस्जिदों पर हुए हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए थे.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी ने तालिबान को शांति वार्ता के लिए निमंत्रित किए जाने के दो हफ्ते बाद काबुल में यह हमला हुआ था. अफगानिस्तान में पिछले 16 वर्षों से तालिबान और अफगान सरकार के बीच संघर्ष जारी है.

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