तालिबानी नेता शेख रहीमुल्ला हक्कानी की एक आत्मघाती हमले में मौत हो गई है. तालिबान और अफगानिस्तान इंटेलीजेंस एजेंसियों की ओर से इस बात की पुष्टि की जा चुकी है. हक्कानी पर ये हमला उसके एक मदरसे में हुआ. हमलावर मूल रूप से एक टांग से विक्लांग था और उसने प्लास्टिक की एक नकली टांग लगा रखी थी. इसी नकली टांग में उसने विस्फोटक छिपाकर रखा था और बाद में डेटोनेटर की मदद से बम धमाके को अंजाम दिया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान सूत्रों के हवाले से खबर कंफर्म की है. हालांकि बीते 15 दिन में ये दूसरी बार है जब राजधानी काबुल बम धमाके से दहल गई है.
तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने शेख रहीमुल्ला हक्कानी की मौत की पुष्टि की है. हालांकि बम धमाके के पीछे की वजह साफ नहीं हुई है. तालिबान से जुड़े 4 सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि हमलावर कोई ऐसा व्यक्ति था जो किसी हादसे में अपनी एक टांग पहले ही खो चुका था. इसके बदले में उसने एक प्लास्टिक की टांग लगाई थी और विस्फोटक इसी छुपाया हुआ था. इसके बाद डेटोनेटर की मदद से उसने इस बम धमाके को अंजाम दिया.
तालिबान प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने जानकारी दी कि हमले की जांच की जा रही है. ये भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि हमलावर कौन था और वह शेख रहीमुल्ला हक्कानी के निजी कार्यालय तक कैसे पहुंचा. हक्कानी की मौत अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के लिए बड़ा नुकसान है.
हक्कानी पर इससे पहले भी कई हमले हुए हैं. लेकिन वह बार-बार बचता रहा है. हक्कानी पर हुए बड़े हमलों में से एक 2020 का पाकिस्तान के पेशावर में हुआ हमला शामिल है. इस्लामिक स्टेट के इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी.
वहीं काबुल में बार-बार बम धमाके होना जारी है. इससे पहले 6 अगस्त को भी काबुल के एक रिहाइशी इलाके में दो बम विस्फोट हुए थे. काबुल के पश्चिमी इलाके में ये विस्फोट एक हज़ारा मस्जिद में हुआ था. इसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली थी.
अफगान पुलिस का कहना है कि ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हुई, जबकि 18 लोग घायल हो गए. जबकि इस्लामिक स्टेट ने अपने बयान में 20 लोगों के मरने और घायल होने की बात कही थी.