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अमरुल्ला सालेह की हुंकार- अफगानिस्तान को 'तालिबिस्तान' नहीं बनने देंगे, लड़ने को हैं तैयार

पंजशीर में इस वक्त नॉर्दर्न एलायंस तालिबान से लड़ाई कर रहा है. अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने आजतक से बातचीत में साफ किया है कि वो अपने मुल्क को तालिबिस्तान नहीं बनने देंगे.

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अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (फाइल फोटो)
अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आजतक से अमरुल्ला सालेह की खास बातचीत
  • अफगानिस्तान को 'तालिबिस्तान' नहीं बनने देंगे: सालेह

अफगानिस्तान (Afghanistan) के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मंगलवार को पंजशीर के हालात पर आजतक से खास बातचीत की. अमरुल्ला सालेह (Amarullah Saleh) का कहना है कि तालिबान जो दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर के कुछ हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है, वह बिल्कुल गलत है. हम पूरी तरह कंट्रोल में हैं, पंजशीर के लोगों का जोश पूरी तरह से हाई है.

कार्यकारी राष्ट्रपति ने कहा कि पंजशीर के लोग तालिबान के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं. हम हर तरह की बातचीत के लिए तैयार हैं, हम अपने इलाके में शांति चाहते हैं. लेकिन अगर तालिबान लड़ाई चाहता है, तो हम लड़ने के लिए भी तैयार हैं. 

“तालिबान जंग चाहेगा तो जंग होगी’’

अमरुल्ला सालेह ने कहा कि अहमद मसूद इस वक्त अपने पिता की तरह तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं, हर कोई उसके साथ खड़ा है. मैं भी यहां पर मौजूद हूं, हर कोई यहां पर एकजुट है. हमने सबकुछ तालिबान के ऊपर छोड़ दिया है, अगर वो जंग चाहेंगे तो जंग होगी और वो बातचीत चाहेंगे तो शांति के साथ बातचीत होगी.

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स्थानीय हालात और भविष्य को लेकर अमरुल्ला सालेह ने कहा कि मौजूदा स्थिति काफी अजीब है क्योंकि राष्ट्रपति समेत पूरी कैबिनेट देश छोड़कर चली गई है. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने लोगों को धोखा दिया और वो देश से बाहर चले गए. लेकिन हमारा मोटो सिर्फ एक ही है, हम किसी तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे. 

''तालिबिस्तान नहीं बनने देंगे''

अमरुल्ला सालेह ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे लोगों को खुलकर जीने का मौका मिले, हम अफगानिस्तान को तालिबिस्तान नहीं बनना देना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि अफगानी लोगों को उनकी बात कहने का मौका मिले, ये सब तानाशाही में नहीं हो सकता है. 

आपको बता दें कि अमरुल्ला सालेह भी इस वक्त पंजशीर में रुके हुए हैं, वह अहमद मसूद की अगुवाई में नॉर्दर्न एलायंस के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं. अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित किया है. 

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