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'शराब की बोतलें तोड़नी हैं और बच्चों की किताबें नष्ट करनी हैं', तालिबान का नार्वे दूतावास पर कब्जा

ईरान में नॉर्वे के राजदूत सिगवाल्ड हाउगे ने एक ट्वीट में कहा, 'तालिबान ने अब काबुल में नॉर्वे के दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया है. वे कहते हैं कि वे इसे बाद में हमें लौटा देंगे. लेकिन पहले शराब की बोतलें तोड़नी हैं और बच्चों की किताबें नष्ट करनी हैं. बंदूकें जाहिर तौर पर कम खतरनाक हैं.'

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काबुल में नॉर्व के दूतावास पर तालिबान का कब्जा (फोटो-Aftenposten, Norway)
काबुल में नॉर्व के दूतावास पर तालिबान का कब्जा (फोटो-Aftenposten, Norway)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान का राजधानी काबुल में नार्वे के दूतावास पर कब्जा
  • ईरान में नॉर्वे के राजदूत ने ट्वीट कर मामले की जानकारी दी
  • तालिबान ने कहा था, राजनयिक प्रतिष्ठानों में हस्तक्षेप नहीं करेगा

तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में नार्वे के दूतावास पर कब्जा कर लिया है और शराब की बोतलें तोड़ना और वहां रखी ढेरों किताबों को नष्ट करना शुरू कर दिया है.

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ईरान में नॉर्वे के राजदूत सिगवाल्ड हाउगे ने एक ट्वीट में कहा, 'तालिबान ने अब काबुल में नॉर्वे के दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया है. वे कहते हैं कि वे इसे बाद में हमें लौटा देंगे. लेकिन पहले शराब की बोतलें तोड़नी हैं और बच्चों की किताबें नष्ट करनी हैं. बंदूकें जाहिर तौर पर कम खतरनाक हैं.'

हालांकि इससे पहले तालिबान ने कहा था कि वह दूतावासों सहित दूसरे देशों के राजनयिक प्रतिष्ठानों में हस्तक्षेप नहीं करेगा.

तालिबान अब अफगानिस्तान में सरकार बनाने जा रहा है जिसका नेतृत्व हिबतुल्लाह अखुंदजादा कर सकते हैं. तालिबान की कट्टरपंथी अंतरिम सरकार में विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक आंतरिक मंत्री के रूप में शामिल किया गया है.

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पिछले महीने, डेनमार्क और नॉर्वे ने घोषणा की थी कि वे काबुल में अपने दूतावास बंद कर रहे हैं और अपने कर्मचारियों को निकाल रहे हैं क्योंकि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति नाजुक हो गई है.

डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पे कोफोड ने पत्रकारों से कहा, 'हमने काबुल में अपने दूतावास को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है.' नॉर्वे के विदेश मंत्री इने सोराइड ने बाद में कहा कि वह अपने दूतावास को भी बंद कर देगा और नॉर्वे के राजनयिकों, स्थानीय कर्मचारियों और उनके करीबी रिश्तेदारों को निकाल देगा.

हालांकि, नॉर्वे को अफगानिस्तान की राजधानी से अपने शेष नागरिकों की निकासी अभियान को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा.

तालिबान उन अब 200 अमेरिकियों और अन्य विदेशियों को जाने की अनुमति देने के लिए राजी हो गया है जो काबुल से चार्टर उड़ानों में अमेरिकी सैनिकों के देश से बाहर निकलने के बाद अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं.

अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद से काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में से एक होगी

(रॉयटर्स से इनपुट्स के साथ)

 

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