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Afghanistan Crisis: छवि बदलने की कोशिश में जुटा तालिबान, इन वजहों से नहीं होता भरोसा

अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रहा है. उसके कई ऐसे बयान सामने आए हैं जो तालिबान ने पहले कभी नहीं कहा. अब ऐसे में सवाल उठता है कि तालिबान उदारवादी बन रहा है या फिर उसका ये एक प्रयोग है ? 

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तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. (फाइल फोटो)
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बदला रूप दिखा रहे तालिबान पर भरोसा ना करने की हैं कई वजह
  • विकास के प्रोजेक्ट पर काम करने में सहयोग की बात कर रहा तालिबान

अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रहा है. उसके कई ऐसे बयान सामने आए हैं जो तालिबान ने पहले कभी नहीं कहा. अब ऐसे में सवाल उठता है कि तालिबान उदारवादी बन रहा है या फिर उसका ये एक प्रयोग है? 

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तालिबान के बयान पर गौर करें तो विश्वास करना मुश्किल है कि यह पहले वाला तालिबान है. अमेरिका की मदद करने वालों तक को खोजकर मारने वाला तालिबान अभी हर विदेशी की मदद करने का भरोसा दे रहा है. इस्लाम का राज फैलाने की बात करने वाला तालिबान अफगानिस्तान में भारत को विकास के प्रोजेक्ट पर आजादी से काम करते रहने में सहयोग की बात कह रहा है. 

पाकिस्तान का सगा हमेशा रहने वाला तालिबान अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोध में करने से रोकने का भरोसा दे रहा है. महिलाओं को बाहर काम करने से रोकने वाला तालिबान महिला एंकर के सामने अपने प्रवक्ताओं को भेज रहा है. महिलाओं को परतंत्रता के बुर्के में ढकेलने वाला तालिबान सरकार में महिलाओं को भागीदारी का बुलावा भेज रहा है. अफगान सेना-पुलिस के लोगों को मार देने वाला तालिबान अभी आम माफी देकर साथ मिलकर काम करने के लिए न्योता दे रहा है. लेकिन क्या तालिबान पर भरोसा करना भूल होगी ?

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20 दिन पहले जो तालिबानी अफगानिस्तान में हास्य कलाकार तक को अगवा करके मार दे रहे थे. काबुल पर कब्जा करने के बाद ऐसा क्या है कि वही तालिबानी आतंकवादी जिसके कंधे पर अत्याधुनिक हथियार हैं, जो आतंकवादी महिलाओं को सम्मान की नजर से नहीं देखते, वो आतंकी तालिबान सामने विरोध करती चार महिलाओं के आगे चुपचाप खड़ा है.


क्या तालिबानी सोच बदली है या फिर दिखावा ?

तालिबान बनाने वाले मुल्ला उमर का बड़ा बेटा मुल्ला याकूब का एक ऑडियो मैसेज आता है. जिसमें वो कहता है कि किसी तालिबानी लड़ाके को ये अधिकार नहीं है कि वो किसी के घर में घुसेगा. कोई तालिबानी किसी के घर या सैनिकों से हथियार नहीं छीनेगा. सभी तालिबानी मिलकर सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करेंगे. ये कैसे संभव है कि जिस तालिबान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे नजीबुल्लाह की हत्या करके शव को सरेआम टांग दिया था.

वो तालिबान अब अफगानिस्तान में सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा का भरोसा देने लगा जिस तालिबान के डर से अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर हुए अफगानी नागरिकों की यूं भागती दौड़ती तस्वीरें 16 अगस्त को पूरी दुनिया ने देखी.  लेकिन अब उसी तालिबानीराज में अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति बनने की तैयारी कर चुका आतंकी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कैसे एक नेता की तरह अफगानिस्तान की जनता को भरोसे का लॉलीपॉप देने लगा है.

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क्यों ऐसा कर रहा है तालिबान

तो अब सवाल उठता है कि तालिबान अपना बदला हुए रूप क्यों दिखाने की कोशिश कर रहा है? इसका जवाब है अफगानिस्तान में तालिबान अब खुद पर पूरे विश्व की व्यापक मान्यता चाहता है.  तालिबान दिखाना चाहता है कि वो अफगानिस्तान के लोगों के हित में सरकार चलाएगा. इसके अलावा सवाल यह भी है. क्या वाकई तालिबान अब अल कायदा, लश्कर, जैश समेत दूसरे आतंकी संगठनों से दूरी बनाएगा ? या फिर तालिबान सिर्फ आंखों में भरोसे की धूल झोंककर आगे अपना रूप दिखाएगा ?

तालिबानियों के अफगानिस्तान में काबुल तक दाखिल होने के बाद  ऐसे वीडियो पूरी दुनिया में खूब वायरल हो रहे हैं. जिसमें तालिबानी आतंकी काबुल में एक एम्यूजमेंट पार्क के भीतर झूला पाकर झूलते हुए दिख रहे हैं लेकिन इन तस्वीरों को देखकर हंसने से ज्यादा नागरिकों के लिए चिंता की बात क्यों है?  एक अन्य वीडियो में एक जिम के भीतर तालिबानी दहशतगर्द आतंक को मजबूत करने वाली कसरत करते दिखने लगते हैं. इन सारे वीडियो को लोग सोशल मीडिया पर हल्के फुल्के अंदाज में ही देख रहे हैं. ऐसे वीडियो तालिबान की अपनी दहशत की इमेज को जनता के दिमाग में हल्का करने की रणनीति भी हो सकती है.

इसपर भी क्लिक करें- तालिबान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मांगी मान्यता, कहा- किसी भी विदेशी दूतावास को खतरा नहीं
 
बदला रूप दिखा रहे तालिबान पर भरोसा ना कर पाने की वजह

तालिबानी आतंकवादी एक तरफ महिलाओं को सरकार में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं. जबकि हकीकत में उनकी आतंकी मानसिकता में महिलाओं की आजादी है ही नहीं. इसीलिए ब्यूटी पार्लर की दीवार पर बनी महिलाओं की तस्वीरों वाली पेंटिंग को काले रंग से रंग दिया जा रहा है. यही काला रंग तालिबान की दहशत की हकीकत है. तालिबान अगर बच्चों के पार्क वाली कारों में खेलते दिखते हैं तो इससे तालिबानी सोच बच्चों जैसी नहीं हो जाती. हकीकत यही है कि काबुल में जब जान बचाने के लिए नागरिक एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे तो गोली तालिबानी आतंकी चला रहे थे.

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(आजतक ब्यूरो) 

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