अफगानिस्तान से 20 सालों के बाद अमेरिकी सैनिकों के जाने की वजह से तालिबान का दबदबा बढ़ता जा रहा है. तालिबानी आतंकियों का दावा है कि 90 फीसदी अफगानिस्तान के हिस्से पर उनके लड़ाकों का कब्जा हो गया है. अफगान सेना लगातार अपने इलाकों को तालिबानियों के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास कर रही है.
अफगानिस्तान के सुरक्षाबलों ने तालिबान पर पिछले कुछ दिनों में हमले तेज कर दिए हैं. अफगान फोर्सेज का दावा है कि उसने कंधार के पास 36 तालिबानी लड़कों को मार गिराया है.
अफगानिस्तान से चल रहे खूनी संघर्ष के बीच तालिबान भी कई तरह के दावे कर रहा है. हाल ही में तालिबान ने कहा है कि उसने देश के उत्तरी हिस्से के गाजियाबाद जिले में पुलिस मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है. इसके साथ ही 80 अफगानिस्तान के सुरक्षा बल तालिबान में शामिल हो गए हैं. तालिबान ने गाजियाबाद जिले में अफगान बलों के पास से बरामद किए गए हथियार और गोला-बारूदों की तस्वीरें भी जारी की हैं.
मालूम हो कि पिछले दिनों अमेरिका ने दो दशकों के बाद अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाया है. इसके बाद, तालिबान और भयंकर रूप में आ गया है. अफगानिस्तान के ज्यादातर जिलों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को जोड़ने वाले हेरात, फरहा, कंधार, कुंदुज, तखर और बदख्शां प्रांतों में कई बड़े हाईवे और बॉर्डर पोस्ट पर भी कब्जा कर लिया है. जबकि अफगानिस्तान की फोर्स अभी नंगरहार, पक्त्या, पक्तिका, खोस्त और निमरोज प्रांतों में ईरान और पाकिस्तान से लगती बॉर्डर पोस्ट पर कब्जा जमाए हुए है.
वहीं, अफगानिस्तान की लाइफ लाइन पर तालिबान कब्जे की तैयारी में है. दरअसल, तालिबान के आतंकी अफगानिस्तान के ज्यादातर हाईवे पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है. कई जगह सफल तालिबान को सफलता भी मिली है. कंधार हाइवे है, जिसे मेन सप्लाई लाइन मानी जाती है. उसपर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है. इसके अलावा, जलालाबाद काबुल के बीच दूसरी सप्लाई लाइन पर न सिर्फ तालिबान अफगान फौजों पर हमला कर रहा है, बल्कि इस सप्लाई लाइन पर आईएसआईएस की भी नजर है.