अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के कारते परवान गुरुद्वारा पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. कारते परवान गुरुद्वारे पर आतंकी हमले में एक सिख समुदाय के नागरिक और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी. आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाला सुरक्षाकर्मी मुस्लिम समुदाय का है. अफगानिस्तान ने विस्फोटक लदे एक वाहन से बड़े हमले की साजिश नाकाम होने का दावा किया जा रहा है. अब इस हमले को लेकर कई जानकारियां सामने आई हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने इस हमले को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि काबुल में बाग-ए-बाला के करीब कारते परवान गुरुद्वारा पर आतंकियों ने शनिवार की सुबह हमला कर दिया. ताकोर के मुताबिक तालिबान बलों और आतंकियों के बीच घंटों गोलीबारी हुई. समाचार एजेंसी पझवोक के मुताबिक तालिबान लड़ाकों ने गुरुद्वारे पर हमला करने वाले तीन आतंकियों को मार गिराय है.
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ताकोर ने इस हमले में इस्लामिक अमीरात बलों के एक जवान और एक सिख नागरिक के मारे जाने की पुष्टि की है. उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि इस हमले में सात लोग घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल में घायलों का उपचार चल रहा है. ताकोर ने ये भी दावा किया है कि विस्फोटक लदे एक वाहन को लक्ष्य तक पहुंचने के पहले ही तालिबान लड़ाकों ने पकड़ लिया और बड़े हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया.
अफगानिस्तानी गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि विस्फोटक लदे एक वाहन से बड़े विस्फोट की साजिश नाकाम हो गई. बताया जा रहा है कि गुरुद्वारा पर हमले की घटना सुबह-सुबह ही हुई थी. हमले के समय गुरुद्वारा के अंदर 30 लोग थे. गुरुद्वारा के बाहर एक वाहन में विस्फोट भी हुआ लेकिन इस घटना में किसी नुकसान की खबर नहीं है.
गुरुद्वारा पर आतंकियों पहले फेंका हैंड ग्रेनेड
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक गुरुद्वारा पर आतंकियों ने सबसे पहले हैंड ग्रेनेड फेंका. इससे गुरुद्वारा के गेट के पास आग लग गई. काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता खालिद जादरान ने सभी आतंकियों के मारे जाने और ऑपरेशन समाप्त हो जाने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि कई घंटे तक चला ऑपरेशन अंतिम आतंकी के मारे जाने के साथ ही समाप्त हो गया है. उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा बलों ने हमलावरों को कम समय में मार गिराया जिससे आम नागरिकों की जान जाने से रोका जा सके.
पहले विस्फोट के आधे घंटे बाद हुआ दूसरा धमाका
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पहला धमाका सुबह करीब 6 बजे हुआ. इसके आधे घंटे बाद दूसरे विस्फोट की आवाज सुनाई दी. प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया और घेराबंदी कर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया. प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि विस्फोट के बाद मौके से धुएं का गुबार उठता दिखा. इससे दहशत का माहौल बन गया.
हमले में IS का हाथ होने की आशंका
काबुल के गुरुद्वारा पर हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है. हालांकि, इस आतंकी हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट खुरासान का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है. ये संगठन पहले अफगानिस्तान की कई मस्जिद और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है. पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से ये आतंकी संगठन देश में कई हमले कर चुका है.
अफगानिस्तान में 700 से कम सिख और हिंदू परिवार
साल 2020 में अफगानिस्तान में हुए हमले के समय 700 से भी कम सिख और हिंदू परिवार थे. तब से अब तक, बड़ी संख्या में हिंदू और सिख धर्म के परिवारों ने देश छोड़ा है. हालांकि, काबुल, जलालाबाद और गजनी में अब भी कई सिख और हिंदू परिवार हैं जो आर्थिक मजबूरियों के कारण ये जोखिम नहीं लेना चाहते. गौरतलब है कि मार्च 2020 में भी आतंकियों ने काबुल के गुरुद्वारा हर राय साहिब पर हमला किया था जिसमें 25 लोग मारे गए थे और आठ घायल हो गए थे. शोर बाजार इलाके में हुए हमले की जिम्मेदारी भी तब इस्लामिक स्टेट ने ही ली थी.