अफगानिस्तान (Afghanistan) के काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) से अब विदेशी सेनाओं की वापसी होना शुरू हो गया है. अमेरिका समेत कई नाटो देशों ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की बात की थी.
ऐसे में अब 36 घंटे से भी कम का वक्त बचा है, जब विदेशी सैनिक काबुल छोड़ चुके होंगे. जानकारी के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर अब 1000 से भी कम विदेशी बचे हैं, जिनकी घर वापसी होनी है.
अमेरिका (America) द्वारा जानकारी दी गई है कि करीब 300 अमेरिकी नागरिक हैं, जिनकी वापसी काबुल एयरपोर्ट से होनी है. अमेरिका इनकी वापसी की तैयारी में है और मंगलवार को खत्म होने वाली डेडलाइन तक इन सभी को वापस ले आया जाएगा. अमेरिका अपने दूतावास के सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल चुका है.
अमेरिका के मुताबिक, अभी तक काबुल से करीब 1.14 लाख लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है. 14 अगस्त को जब तालिबान का कब्जा हुआ, तभी से ही अमेरिका द्वारा रेस्क्यू मिशन चलाया जा रहा है. इसी हफ्ते से अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद अपने सैनिकों की वापसी भी शुरू कर दी थी.
ब्रिटेन, फ्रांस, इटली का रेस्क्यू मिशन खत्म
अमेरिका से अलग ब्रिटेन अपना रेस्क्यू मिशन पहले ही खत्म कर चुका है. रविवार को ब्रिटेन की आखिरी फ्लाइट काबुल से वापस लंदन पहुंची, जिसमें ब्रिटिश एम्बेसडर भी शामिल थे. बीबीसी के मुताबिक, 14 अगस्त से लेकर 30 अगस्त तक ब्रिटेन द्वारा 15 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया.
फ्रांस ने भी 29 अगस्त को काबुल से अपना रेस्क्यू मिशन खत्म कर दिया था. 14 अगस्त से 29 अगस्त तक फ्रांस द्वारा कुल 3000 लोगों को काबुल से निकाला गया, इनमें 2000 से अधिक अफगान नागरिक थे.
इटली द्वारा भी अपनी ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन को खत्म कर दिया गया और इस दौरान वह कुल 5 हजार लोगों को अपने देश वापस लाया है. हालांकि, इटली ने कहा है कि अगर 31 अगस्त के बाद भी कोई अफगान नागरिक उनके यहां शरण लेता है, तो उसे इजाजत दी जाएगी.
इन सभी से इतर अगर भारत की बात करें तो 14 अगस्त के बाद से ही भारत करीब 1000 लोगों को अफगानिस्तान से वापस ला चुका है. इनमें अधिकतर भारतीय नागरिक हैं, जबकि कई अफगान नागरिकों को भी वापस लाया गया है. भारत का रेस्क्यू मिशन अभी भी जारी है, लेकिन वहां पर कितने भारतीय मौजूद हैं इसकी जानकारी नहीं है.