Afghanistan News LIVE Updates: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद नई केयरटेकर सरकार का गठन हो चुका है. नई तालिबान सरकार ने किसी भी तरह के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. इससे पहले रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि तालिबान ने 11 सितंबर को यह समारोह रखने का फैसला किया था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया. उधर, पंजशीर घाटी पर कई दिनों की कोशिशों के बाद भी तालिबान कब्जा नहीं जमा सका है. देश में सिर्फ पंजशीर घाटी ही ऐसा प्रांत है, जिस पर तालिबान नहीं, बल्कि रेसिस्टेंस फोर्स का कब्जा है. घाटी में चल रही लड़ाई के दौरान ही तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के बड़े भाई की बेरहमी से हत्या भी कर दी है. इस ब्लॉग में बढ़ें अफगानिस्तान में चल रही हलचल से जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट्स...
एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) अगले सप्ताह इस्लामाबाद से काबुल के लिए उड़ानें फिर से शुरू करेगी. पिछले महीने तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से यह अफगानिस्तान में पहली विदेशी वाणिज्यिक सेवा होगी.
पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान में नई अंतरिम सरकार युद्धग्रस्त देश में शांति, सुरक्षा और स्थिरता लाएगी और अफगान लोगों की मानवीय और विकास संबंधी जरूरतों का ध्यान रखने की दिशा में काम करेगी. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है, जिसमें अफगानिस्तान की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नए राजनीतिक ढांचे का गठन भी शामिल है.
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. उसने इसे पैसों और संसाधनों की बर्बादी बताया है. पहले माना जा रहा था कि 11 सितंबर को शपथ ग्रहण समारोह रखा जा सकता है, जिसमें पाकिस्तान, चीन समेत कई देशों को न्योता भेजा सकता है, लेकिन फिर अमेरिका में 20 सालों पहले हुए आतंकी हमले की बरसी होने के चलते इसे टाल दिया गया. अब यह रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि तालिबान सरकार कोई भी ऐसा आयोजन नहीं करने जा रही है.
(इनपुट: अशरफ वानी)
यूएनएससी में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि और अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन की प्रमुख डेबोरा लियोन्स ने कहा कि वास्तविकता यह है कि लाखों अफगानों का जीवन इस बात पर निर्भर करेगा कि तालिबान कैसे शासन करना पसंद करता है. उन्होंने कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था को देखते हुए तत्काल एक 'मोडस विवेंडी' तैयार करने की जरूरत होगी. क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
ट्विटर पर वायरल हो रहे पोस्ट्स में दाव किया जा रहा है कि जिस लाइब्रेरी के सामने कुछ दिनों पहले पंजशीर घाटी से अमरुल्ला सालेह ने वीडियो रिकॉर्ड कर कहा था कि वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे और तालिबान का सामना करेंगे, उसी जगह बैठकर तालिबानी लड़ाके ने बंदूक के साथ फोटो खिंचवाई.
काबुल पर कब्जे के बाद से ही तालिबान पंजशीर पर भी कब्जा जमाने की पूरी कोशिश कर रहा है. रेसिस्टेंस फोर्स ने दावा किया है कि इसमें पाकिस्तान भी तालिबान की मदद कर रहा है, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी तालिबान का पूरी तरह से पंजशीर पर कब्जा नहीं हो सका है. एनआरएफ सूत्रों के अनुसार, पंजशीर घाटी के 60 फीसदी हिस्से पर अब भी रेसिस्टेंस फोर्स का ही कब्जा है.
अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के बड़े भाई रोहुल्ला सालेह की हत्या कर दी गई. उनके बेटे ने बताया कि पंजशीर में मेरे पिता की बिना किसी वजह के तालिबान ने हत्या कर दी. उसने बताया कि उसके पिता पंजशीर से काबुल जा रहे थे, जब खानिज जिले में तालिबान ने उनकी कार को बीच में रोक लिया और गोली मार दी. पंजशीर में अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में रेसिस्टेंस फोर्स लगातार तालिाबन से लोहा ले रहा है.