अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अन्य वरिष्ठ राजनेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी में मंगलवार को ईद की नमाज के दौरान अफगान राष्ट्रपति भवन के पास तीन रॉकेट दागे गए. टोलो न्यूज के मुताबिक, गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता हामिद रोशन ने कहा कि रॉकेट ऑटो में सेट किए गए थे और काबुल के पुलिस जिला 4 क्षेत्र से दागे गए.
इसी अटैक के दौरान नमाज अदा कर रहे लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. रॉकेट हमले के बावजूद लोग ऩमाज अदा करते रहे. रॉकेट हमले के बीच नमाज अदा कर रहे लोगों के साहस की सोशल मीडिया पर तारीफ भी हो रही है. नमाज पढ़ने वालों में राष्ट्रपति भवन के अधिकारी, सैन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे.
Some truly brave men here https://t.co/TK28CGUebN
— Rezaul Hasan Laskar (@Rezhasan) July 20, 2021
टोलो न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉकेट तब दागे गए जब राष्ट्रपति पैलेस परिसर के अंदर एक खुले मैदान में नमाज अदा की जा रही थी. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉकेट काबुल के जिला 1 में बाग-ए-अली मर्दन और चमन-ए-होजोरी इलाकों में और काबुल के जिला 2 में मनाबे बशारी इलाके में, राष्ट्रपति भवन के पास दागे गए हैं.
Video by national TV shows the moment rockets landed near the Presidential Palace during Eid prayers this morning. pic.twitter.com/WmEniyfLfM
— TOLOnews (@TOLOnews) July 20, 2021
राहत की बात यह है कि इसमें किसी के हताहत या नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. इस हमले की अभी किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. यह हमला 15 राजनयिक मिशनों के उस आह्वान के एक दिन बाद हुआ है जिसमें तालिबान से संघर्षविराम का अनुरोध किया गया था.
राष्ट्रपति पैलेस काबुल के ग्रीन जोन के बीच है जो दीवारों और कांटेदार तारों से घिरा हुआ है. पैलेस के पास से गुजरने वाली सड़कों को लंबे समय से बंद कर दिया गया है.
राष्ट्रपति पैलेस के पास हमले की यह घटना अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच सामने आई है. अफगानिस्तान के लोग नये हालात को लेकर चिंतित है. उन्हें डर है कि एक बार फिर उनका देश जंग के दलदल में फंस जाएगा. विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान के कई हिस्सों और सीमा चौकियों पर कब्जा जमा लिया है.
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि 95 प्रतिशत अमेरिकी सैनिक वापस हो चुके हैं. अमेरिका का सैन्य मिशन 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा.
ईद की नमाज अदा करने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि यह ईद पिछले तीन महीने में देश के नाम बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम समर्पित है. उन्होंने कहा कि तालिबान का शांति का कोई इरादा नहीं है. लेकिन हमने साबित कर दिया है कि हमारे पास इरादा, इच्छा है और शांति के लिए बलिदान दिया है.
अशरफ गनी ने पिछले साल शांति वार्ता शुरू करने के लिए 5,000 तालिबान कैदियों को रिहा करने के अपनी सरकार के फैसले को एक "बड़ी गलती" करार दिया. उनका कहना था कि इससे तालिबान मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि हमने शांति वार्ता शुरू करने के लिए 5,000 कैदियों को रिहा किया, लेकिन आज तक तालिबान ने शांति वार्ता में कोई गंभीर या सार्थक रुचि नहीं दिखाई है.