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राष्ट्रपति बाइडेन ने जताई चिंता - आतंकियों का गढ़ बन सकता है अफगानिस्तान, निशाने पर होंगे आम अफगानी

अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपनी चिंता जाहिर कर दी है. उन्हें भी इस बात का अहसास है कि तालिबान के हाथों में अफगानिस्तान सुरक्षित नहीं रहने वाला है. उन्हें  भी यही डर है कि अब अफगानिस्तान आतंकियों का गढ़ बन सकता है और फिर वहीं आतंकी आम अफगानी और अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाएंगे.

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बाइडेन बोले- आतंकियों का गढ़ बन सकता अफगानिस्तान (Reuters)
बाइडेन बोले- आतंकियों का गढ़ बन सकता अफगानिस्तान (Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाइडेन बोले- आतंकियों का गढ़ बन सकता अफगानिस्तान
  • रेस्क्यू ऑपरेशन में कई चुनौतियां- बाइडेन

अफगानिस्तान में स्थिति हर बीतते दिन के साथ बद से बदतर होती जा रही है. अब कुछ दिनों में तालिबान वहां पर सरकार बना सकता है. ऐसे में भविष्य तो अंधकार में दिखाई दे ही रहा है, वर्तमान भी चिंता में डालने वाला है. अफगानिस्तान में पैदा हुई इस स्थिति के लिए कई देश अमेरिका को जिम्मेदार मानते हैं. वहां से समय से पहले सेना को वापस बुलाना गलत फैसला माना जा रहा है.

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बाइडेन बोले- आतंकियों का गढ़ बन सकता अफगानिस्तान

अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपनी चिंता जाहिर कर दी है. उन्हें भी इस बात का अहसास है कि तालिबान के हाथों में अफगानिस्तान सुरक्षित नहीं रहने वाला है. उन्हें भी यही डर है कि अब अफगानिस्तान आतंकियों का गढ़ बन सकता है और फिर वहीं आतंकी आम अफगानी और अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाएंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में स्थिति चिंताजनक है और उन स्थितियों का फायदा वहां मौजूद आतंकी उठा सकते हैं. वे कहते हैं कि ये आतंकी आम अफगानी और अमेरिकी सेना को अपना निशाना बना सकते हैं. हमने स्थिति पर पैनी नजर रखी है. हम ISIS के खतरे से भी निपटने को तैयार हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन में कई चुनौतियां- बाइडेन

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वहीं इस समय अमेरिका इस बात पर भी विचार कर रहा है कि 31 अगस्त 2021 तक वो अपने तमाम नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाल पाएगा या नहीं? अभी के लिए तारीख तो नहीं बदली गई है लेकिन बाइडेन ने संकेत जरूर दिया है कि ऐसा हो सकता है. वे बताते हैं कि अभी चर्चा चल रही है कि 'Evacuation Deadline' को 31 अगस्त से आगे बढ़ा दिया जाए. हम उम्मीद करते हैं ऐसी स्थिति ना आए. लेकिन विचार जरूर चल रहा है.

बाइडेन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इतने सारे लोगों का रेस्क्यू करना काफी मुश्किल काम है. उनके मुताबिक जैसी तस्वीरें देखने को मिलती हैं, जैसा नजारा नजर आता है, वो काफी दर्द देता है. बाइडेन ने सवाल पूछा है कि अभी अफगानिस्तान नहीं छोड़ा जाए तो कब छोड़ा जाए?
 

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